चीफ सेक्रेटरी डॉ। एसएस संधु ने मंडे को सचिवालय में ईको टूरिज्म व सरकारी भूमि की डिजिटल सूची तैयार किए जाने को लेकर बैठक ली। सीएस ने सभी डीएम व डीएफओ को ईको टूरिज्म की दिशा में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर दिए जाने पर फोकस करते हुए प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए।

- इको टूरिज्म से स्थानीय लोगों को रोजगार देने के प्रस्ताव मांगे जिलों से
- सरकारी जमीन की डिजिटल लिस्ट तैयार करने को सीएस ने ली मीटिंग

देहरादून, 19 जून (ब्यूरो)। सीएस ने सभी जनपदों में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने के लिए स्थान चिन्हित किए जाने के साथ ही डीपीआर तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा, प्रस्ताव में डीपीआर के साथ फंडिंग और योजना पूर्ण होने की समय सीमा पहले से ही निर्धारित की जाएं। उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म को सफल बनाए जाने के लिए ईको पार्क से प्राप्त राजस्व का 80 से 90 परसेंट हिस्सा इसकी मरम्मत आदि के लिए यूज किया जा सकेगा। इसका जीओ जारी किया जा चुका है।

टूरिज्म डिपार्टमेंट दे रहा गाइड की ट्रेनिंग
चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि प्रदेश भर में एस्ट्रो विलेज, कैंपिंग आदि की ज्यादा संभावनाएं हैं। इस दिशा में भी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है। कहा, चारधाम यात्रा मार्ग व गैर चारधाम यात्रा मार्ग दोनों में ही ईको टूरिज्म में रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को शामिल करना आवश्यक है। इसके लिए स्थानीय लोगों को ट्रेनिंग देने की जरूरत पड़े तो ट्रेनिंग दकी जाए। कहा, स्टेट में ऐसे कई स्थान हैं, जहां, कैंपिंग साइट्स डेवलेप की जा सकती हैं। टूरिज्म डिपार्टमेंट द्वारा गाईड की ट्रेनिगं भी उपलब्ध कराई जा रही है।
::सीएस बोले::
-ऐसे स्थलों में जहां टूरिस्ट का फुटफॉल कम, गाइड को कंडीशनल टर्म पर दिया सकता है मानदेय
-जिससे गाइड काम करने को हो सकें प्रोत्साहित, फुटफॉल बढऩे के बाद गाइड की होगी कमाई।-डीएम व सीनियर अफसरों को स्थानीय लोगों की समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत
-स्टेट में स्प्रिंग एंड रिवर रिजूविनेशन बोर्ड आएगा अस्तित्व में।-इससे जल संरक्षण की दिशा में भी काफी कार्य होगा।-जल संरक्षण के लिए चेक डैम, छोटे ताल व झीलें होंगी निर्मित
-ये आगे ईको टूरिज्म की दिशा में काफी कारगर साबित होंगी।-सीएस के निर्देश, सभी डीएम इसको भी ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव करें तैयार।

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सरकारी भूमि अतिक्रमण से बचाने को जिम्मेदारी तय
सीएस ने सभी डीएम को सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए डिजिटल डाटा शीघ्र तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा, शीघ्र ही इसके लिए पोर्टल तैयार हो जाएगा। जिसमें डिजिटल डाटा अपलोड किया जाएगा और उसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी। कहा, सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाना है। इसके लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। अतिक्रमण होने पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई भी की जाएगी।

Posted By: Inextlive