- सभी मेन रोड के किनारे फुटपाथों पर होती हैं गाडि़यां रिपेयर

- गांधी रोड के फुटपाथ पर सबसे ज्यादा मोटर मैकेनिक

देहरादून

देहरादून में आधे से ज्यादा फुटपाथ मोटर मैकेनिकों के कब्जे में हैं, बाकी आधे पर दूसरे व्यवसायी जमे हुए हैं। मेन रोड के लगभग सभी फुटपाथ पर गाडि़यां रिपेयर हो रही हैं, बाकी रोड पर सब्जी बेचने वाले, फास्ट फूड वाले या दूसरे छोटे-मोटे धंधे करने वाले बैठे हुए हैं।

गांधी रोड के सबसे बुरे हाल

मोटर मैकेनिकों के कब्जे के मामले में सबसे बुरा हाल गांधी रोड का है। क्लॉक टावर से लेकर सहारनपुर चौक पर फुटपाथों पर तीन दर्जन से ज्यादा मोटर मैकेनिक कब्जा किये बैठे हैं। इनके यहां दिनभर गाडि़यों के रेलमपेल मची रहती है और फुटपाथ पूरी तरह से बंद रहता है। मैकेनिकों के कब्जे का सिलसिला तहसील चौक से लेकर द्रोण होटल के पास तक है। इनामुल्ला बिल्डिंग के बाहर फुटपाथ कहीं भी चलने लायक नहीं है। सड़क के दूसरी तरफ भी मोटर मैकेनिकों या फिर बाइक-कार की एसेसरीज बेचने वालों का कब्ज है। इसके अलावा सहारनपुर चौक, पटेनगर, जीएमएस रोड, रायपुर रोड, राजपुर रोड आदि इलाकों में मोटर मैकेनिक फुटपाथों पर काबिज हैं।

फास्ट फूड वाले भी पीछे नहीं

मोटर मैकेनिकों के अलावा फास्ट फूड वाले भी फुटपाथों पर कब्जा करने में पीछे नहीं हैं। सिटी की कोई भी रोड ऐसी नहीं, जहां फुटपाथों में फास्ट फूड के स्टॉल न लगे हों। पिछले साल लॉकडाउन के बाद से फास्ट फूड के स्टॉल तेजी के साथ बढ़े हैं। पहले कुछ खास जगहों पर पर ऐसे स्टॉल नजर आते थे, लेकिन अब हर सड़क पर बड़ी संख्या में ऐसे स्टॉल नजर आ जाते हैं।

इन जगहों पर सबसे ज्यादा कब्जे

सहारनपुर चौक

पटेलनगर

गांधी रोड

इनामुल्ला बिल्डिंग

दिलाराम बाजार

देहराखास

हरिद्वार बाइपास

रायपुर रोड

नेहरू कॉलोनी

करनपुर

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क्या कहते हैं लोग

रोड और उनके किनारे बने फुटपाथ किसी भी सिटी से आपका पहला परिचय करवाता हैं। पैदल चलने वालों के साथ ही फुटपाथ साइकिल चलाने वालों के लिए बेहद जरूरी होते हैं। देहरादून में स्थिति ऐसी है कि फुटपाथ तो सिर्फ नाममात्र के हैं। फुटपाथ आम लोगों के साथ ही दिव्यांग जनों के लायक भी होने चाहिए। दिव्यांग अपनी ट्राइसाइकिल से फुटपाथ पर चल सकें, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। जाहिर है ऐसा करने के लिए अच्छे फुटपाथ होने के साथ ही उन पर चढ़ने और उतरने के लिए रैम्प भी होंगे और इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि फुटपाथ पर कहीं गढ्डे न हों। हम उम्मीद करेंगे कि भविष्य में हमें देहरादून में ऐसे फुटपाथ देखने को मिलेंगे।

अनूप नौटियाल, संस्थापक

एसडीसी फाउंडेशन

हम रोज देहरादून की सड़कों पर चलते हैं और रोज इस समस्या से हमारा सामना होता है। फुटपाथों पर कब्जों करना व्यापारियों ने अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझ लिया है। ऐसा लगता है कि फुटपाथ सिर्फ इसलिए बनाये जाते हैं, ताकि व्यापारी उन पर कब्जा कर लें। हम तो एक तरह से यह भी भूल गये हैं कि फुटपाथ पैदल चलने वालों के लिए हैं। हम चुप हैं तो प्रशासन भी चुप है। व्यापारी हमारी चुप्पी का नाजायज फायदा उठा रहे हैं।

दीपक जोशी

वाया व्हाट्सएप

करनपुर में दो बड़े शिक्षण संस्थान हैं। स्टूडेंट्स के साथ ही अन्य लोग भी यहां भारी भीड़ रहती है। पुरानी बसावट होने के कारण सड़कें पहले से संकरी हैं और ऊपर से सड़कों के दोनों ओर दुकानदारों के कब्जे हैं। ऐसे में पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। कॉलेज के दौरान यहां से धक्का-मुक्की से होकर गुजरना पड़ता है। जिससे हर समय अव्यवस्था फैली रहती है। इस इलाके में फुटपाथों से कब्जे हटाना बेहद जरूरी है।

हिमांशु चौहान

डीएवी कॉलेज

Posted By: Inextlive