- उत्तराखंड में जंगल की आग पर केंद्र सरकार की नजर, हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित की गई कमेटी

DEHRADUN: उत्तराखंड में जंगल की आग पर केंद्र सरकार नजर बनाए हुए है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य से वनों की आग की स्थिति पर हर क्ख् घंटे में रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। वन विभाग ने यह रिपोर्ट भेजना शुरू कर दिया है। इसके अलावा हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में प्रमुख वन संरक्षक की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है। उधर, विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने शुक्रवार से जंगल की आग की साप्ताहिक समीक्षा भी प्रारंभ कर दी है।

लगातार धधक रहे जंगल

उत्तराखंड में अब तक की तस्वीर देखें तो आग की क्म्फ्भ् घटनाओं में ख्ख्7भ्.ब्7 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंच चुका है। आग के विकराल रूप धारण करने के बाद केंद्र ने आग पर नियंत्रण को वायुसेना के दो हेलीकाप्टर और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की तीन टीमें भेजी हैं। इसके साथ ही आग पर केंद्र सरकार भी लगातार नजर रखे हुए है। वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) राजीव भरतरी के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के क्रम में केंद्र को हर क्ख् घंटे में रिपोर्ट भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि आग पर नियंत्रण के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

हाईकोर्ट के आदेशों का पालन

पीसीसीएफ भरतरी के अनुसार उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में वनों की आग की रोकथाम संबंधी कार्याें को सुदृढ़ करने और इससे संबंधित रणनीति के उच्चीकरण के मद्देनजर प्रमुख वन संरक्षक डीजीके शर्मा की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी गई है। अपर प्रमुख वन संरक्षक डा.कपिल जोशी कमेटी के सदस्य सचिव होंगे, जबकि सदस्यों में मुख्य वन संरक्षक बीके गांगटे, नरेश कुमार, मनोज चंद्रन व मान सिंह को शामिल किया गया है। यह कमेटी वर्ष ख्0क्म् से ख्0क्8 तक उच्च न्यायालय और एनजीटी के निर्देशों के साथ ही नेशनल एक्शन प्लान व राज्य एक्शन प्लान का कितना अनुपालन हुआ है, इसकी भी समीक्षा करेगी। साथ ही कू़्र स्टेशनों के सुदृढ़ीकरण व आधुनिक उपकरणों के प्रयोग के सिलसिले में भी सुझाव देगी। समिति को सात दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है।

--------

आग पर नियंत्रण को एनजीओ की भी लेंगे मदद

जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए अब गैरसरकारी संगठनों (एनजीओ) की मदद भी ली जाएगी। पीसीसीएफ राजीव भरतरी ने शुक्रवार को साप्ताहिक समीक्षा के दौरान अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दिए। उन्होंने सभी डीएफओ से कहा कि यदि किसी क्षेत्र मे आग नियंत्रण से बाहर हो रही हो तो संबंधित जिले के डीएम के माध्यम से तत्काल सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आइटीबीपी), एनडीआरएफ, एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) की मदद का आग्रह किया जाए। उन्होंने अग्नि नियंत्रण के लिए जनसहभागिता बढ़ाने और व्यापक जनजागरण पर भी जोर दिया।

Posted By: Inextlive