-साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन द्वारा लगातार चलाया जा रहा अवेयरनेस कैंपेन

-यूपीआई बना साइबर क्रिमिनल का फ्रॉड का आसान जरिया

देहरादून,

साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की ओर से लगातार अवेयरनेस कैंपेन चलाने और पब्लिक को सतर्क करने के बावजूद भी दून में साइबर क्राइम के मामले कम नहीं हो रहे हैं। अधिकतर मामलों में दूनाइट्स यूपीआई के माध्यम से ही फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं। साइबर फ्रॉड द्वारा पेमेंट गेटवे, वॉलेट, मोबाइल एप्लीकेशन पर पेमेंट प्राप्त करने के लिए लिंक भेजा जा रहा है। साथ ही क्यू आर कोड स्कैन करने को भी कहा जा रहा है। इतना ही नहीं इसके बाद ओटीपी भी डलवाया जा रहा है। इतनी प्रक्रिया करने के बाद ही साइबर फ्रॉड पब्लिक को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में पब्लिक को इस तरह की बैंकिंग प्रक्रिया को पूरा करने से बचने को भी अवेयर किया जा रहा है। बावजूद इसके दून में आए दिन 4 से 5 मामले सामने आ रहे हैं।

पेटीएम से ट्रांजेक्शन, 12 हजार रकम उड़ा दी

एक व्यक्ति ने ओएलएक्स में स्कूटी की पोस्ट देखी। इसके बाद स्कूटी को खरीदने के लिए पोस्ट में दिए गए फोन नंबर से संपर्क किया गया। फोन पर स्कूटी के मालिक ने खुद को आर्मी अफसर बताया। इसके बाद झांसे में आकर पेटीएम से खाते में 12 हजार से ज्यादा की रकम डाल दी। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की जांच में पेटीएम अकाउंट अलीगंज यूपी का निकला। पुलिस टीम द्वारा कार्रवाई की जा रही है।

बैंक खाते और एटीएम की जानकारी देनी पड़ी महंगी

पटेलनगर निवासी एक महिला को एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा खुद को पंजाब नेशनल बैंक का मैनेजर बताते हुये महिला के बैंक खाते व एटीएम की जानकारी प्राप्त कर 39 हजार रुपये ठग लिए। पुलिस टीम द्वारा वॉलेट को फ्रीज कर कार्रवाई की जा रही है।

ओटीपी देते ही गायब हुई रकम

करनपुर निवासी एक व्यक्ति को एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा खुद को एक निजी बैंक का अधिकारी बताते हुए क्रेडिट कार्ड के नेट बैंकिग का ओटीपी मांगा गया। ओटीपी देते हुए व्यक्ति के अकाउंट से 12 हजार रुपए से ज्यादा की रकम गायब हो गई।

ऑनलाइन पूजा पड़ी महंगी

राजपुर रोड देहरादून निवासी एक महिला द्वारा ऑनलाइन पूजा के सम्बन्ध में वेबसाइट पर सम्पर्क किया। उन्हें एक ऑनलाइन पूजा वेबसाइट की जानकारी मिली। जिस पर सम्पर्क करने पर एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा उनकी जीवन में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए ऑनलाइन पूजा करने की बात कही। इसके लिए पूजा सामग्री में आ रहे खर्चे के लिए 3 हजार रुपये गूगल पे के माध्यम से भुगतान करने को मोबाइल नंबर दिया। जिसने खुद को हरिद्वार का बाबा बताया। पैसे देने के बाद से पूजा के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिली।

साइबर सेल ने वापस करवाए 1.4 लाख रुपये

दून पुलिस के साइबर सेल के गुनियाल गांव निवासी रमन कुमार के साथ 1 लाख 4 हजार रुपये का ऑनलाइन फ्रॉड का मामला सामने आया। पीडि़त रमन ने पुलिस को बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग में ट्रांजेक्शन न होने पर कंप्लेनर ने गूगल से कस्टमर केयर का नम्बर सर्च किया गया। जिसके बाद अज्ञात व्यक्ति द्वारा फर्जी मोबाइल नंबर से कॉल कर कंप्लेनर के एटीएम कार्ड की डिटेल मांग कर ओटीपी प्राप्त किया गया। जिसके बाद पीडि़त से अलग अलग ट्रांजेक्शन में कुल एक लाख चार हजार रुपये निकाल लिये गये। कंप्लेन मिलते ही पुलिस टीम द्वारा पीडि़त की धनराशि को सम्बन्धित पेमेंट गेटवे से पत्राचार कर पीडि़त को पूरी धनराशि वापस करवाई गई।

Posted By: Inextlive