भरपूर पेड़ों के लिए जाना जाने वाला देहरादून लगातार अपनी पुरानी पहचान खोता जा रहा है। सिटी और उसके चारों ओर लगातार हरे-भरे पेड़ काटे जा रहे हैं। कहीं विकास के नाम पर सरकारी स्तर पर पेड़ों का अंधाधुंध कटान किया जा रहा है तो कहीं बिल्डर मुनाफा कमाने के लिए पेड़ काट रहे हैं। ताजा मामला डालनवाला के मोहनी रोड का है जहां एक बाग में खड़े दर्जनों पेड़ काटे जा चुके हैं। स्थानीय निवासी डीएम से लेकर और डीएफओ तक इसकी शिकायत कर चुके हैं लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

देहरादून (ब्यूरो)। मोहनी रोड पर करीब 5 बीघा जमीन में एक बगीचा है। बताया जाता है कि यह बगीचा कभी नेपाल के राजशाही परिवार के नाम था। आजादी के बाद यह बेच दिया गया। अब इस बगीचे पर किसी स्थानीय व्यक्ति का मालिकाना हक है। यह व्यक्ति विदेश में सैटल है। बगीचे में आम और लीची सहित अन्य प्रजातियों के करीब 75 पेड़ थे। कुछ दिन पहले अचानक कुछ लोग इस बगीचे में पहुंचे और प्लॉट काटने लगे।

शिकायत के बावजूद काटे पेड़
स्थानीय लोगों ने बाग के मालिक को इस बारे में सूचित किया तो कथित रूप से उनका कहना था कि उन्होंने बेच दिया है। नया मालिक जो मर्जी कर सकता है। पिछले हफ्ते रात को कुछ लोग पेड़ काटने की मशीन लेकर बाग में पहुंच गये और लीची और आम लदे पेड़ों पर आरी चलाने लगे। लोगों ने डीएम और पुलिस का शिकायत भी की। अगली सुबह आराघर पुलिस चौकी और डालनवाला थाने से कुछ पुलिसकर्मी भी पहुंचे, लेकिन तब तक दर्जनों पेड़ काटे चुके थे।

आम, लीची, बांस का कत्लेआम
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट किसी तरह इस बगीचे के पास तक पहुंचा तो आम, लीची के अलावा कई दूसरी प्रजातियों के पेड़ कटे पड़े थे। बगीचे के एक कोने पर एक बड़ा बांस का बाड़ा भी काट दिया गया था। बाग को प्लॉटिंग कर दी गई है और 200 से 250 गज के 20 से ज्यादा प्लाट काटे गये हैं। कुछ प्लॉट की बाउंड्रीवॉल का काम शुरू हो गया है, बाग में कुछ लोग फीते से जमीन नापते भी नजर आये।

आसपास रहने वाले नाराज
इस बाग के आसपास कई कोठियां हैं। ये कोठियां कई बीघा जमीन में हैं। एक तरह से सैकड़ों की संख्या में पेड़ों के बीच ये कोठियां बनी हुई हैं। इन कोठियों में रहने वाले परिवारों का कहना है कि इस बाग में 21 मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग बन जाने से सबसे ज्यादा दिक्कत वाटर सप्लाई और रोड की होगी। फिलहाल इस क्षेत्र में जो सड़क है, वह कुछ परिवारों के लायक ही है। एक साथ कई परिवारों के आ जाने से सड़कें लगभग बंद हो जाएंगी। पानी सप्लाई की भी बड़ी दिक्कत होगी।

परमिशन से ज्यादा पेड़ काटे
दून के डीएफओ एनएम त्रिपाठी ने माना कि परमिशन से ज्यादा पेड़ काटे हैं और आरोपितयों पर एफआरआई दर्ज की जा रही है। उनका कहना है 4 पेड़ों की परमिशन ली थी और 10 से ज्यादा काटे गये हैं। लेकिन वास्तव में मौके पर साफ हो जाता है कि करीब दो दर्जन पेड़ काटे गये हैं।

Posted By: Inextlive