- सीएम ने किया वेबिनार के जरिए दूसरे हेलीकॉप्टर समिट का इनॉग्रेशन

- नागरिक उड्डयन मंत्रालय व फिक्की की ओर से आयोजित किया गया सम्मेलन

- हेलीकॉप्टर से क्षेत्रीय संपर्क में मजबूती व आपात स्थिति में अवसर विषय पर हुआ मंथन

- दून के सहस्त्रधारा हेलीपैड को स्पेशलिस्ट्स ने बताया सुविधायुक्त

- उड़ान योजना-2 के तहत हेलीकॉप्टर सेवा प्रारंभ वाला उत्तराखंड पहला स्टेट

- उड़ान योजना में बेहतर परफॉरमेंस के लिए उत्तराखंड ने हासिल किए है प्रोएक्टिव पुरस्कार

DEHRADUN: भौगोलिक परिस्थितियों व आपदा के लिहाज से हमेशा संवेदनशील रहने वाले उत्तराखंड में अब आने वाले दिनों में हेली सेवाओं का नेटवर्क फैलेगा। शहर हेलीसेवाओं के लिए कनेक्ट हो पाएंगे। सरकार की मानें तो दून से टिहरी, श्रीनगर, गौचर जुड़ने के बाद अब बारी हल्द्वानी, अल्मोड़ा, धारचूला, केदारनाथ से पहले गुप्तकाशी, उत्तरकाशी के बड़कोट को भी जोड़ने की तैयारी है, जबकि दून से देश के करीब आधे दर्जन से ज्यादा शहर हवाई सेवा से जुड़ चुके हैं।

सीएम ने किया समिट का शुभारंभ

शुक्रवार को सचिवालय में वेबिनार के जरिए दूसरे हेलीकॉप्टर समिट का शुभारंभ हुआ। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय व फिक्की की ज्वाइंट बेंचर में आयोजित समिट में देश में हेली सेवाओं की स्थिति व संभावनाओं पर मंथन हुआ। इस अवसर पर स्पेशलिस्ट्स की ओर से भी 'हेलीकॉप्टर द्वारा क्षेत्रीय संपर्क में मजबूती और आपात स्थिति में अवसर'' पर अपने विचार भी रखे। इनॉग्रेशन के मौके पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। राज्य की सीमाएं 2 देशों से जुड़ी हैं। ऐसे में हवाई सेवाओं के विस्तार पर फोकस किया जा रहा है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट इंटरनेशनल मानकों के अनुरूप व पंतनगर एयरपोर्ट ग्रीन एयरपोर्ट के रूप में डेवलप किया जा रहा है। इस दौरान स्टेट के नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर, केंद्रीय संयुक्त सचिव ऊषा पांधी, तेलंगाना के परिवहन सचिव सुनील शर्मा, फिक्की के अध्यक्ष डा। संगीता रेड्डी आदि मौजूद रहे।

50 हेलीपैड, केंद्र से अतिरिक्त के लिए आग्रह

वर्तमान में राज्य में 50 हेलीपैड स्थापित हैं। जबकि राज्य में अतिरिक्त हेलीपैड के निर्माण के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया जा रहा है।

बेहतर कार्य को प्रो-एक्टिव पुरस्कार

सीएम ने कहा कि गत वर्ष राज्य में देश के पहले हेलीकॉप्टर समिट का आयोजन किया था, जो सक्सेस रहा। इस सम्मेलन में कई सुझाव भी प्राप्त हुए। इसकी एसओपी व गाइडलाइन भी जारी की गई थी। इसी लिहाज से एक वर्ष के दौरान हेली सेवाओं में काफी विस्तार हुआ है। कहा, स्टेट में हेली सेवाएं राज्य के लिए वरदान से कम नहीं हैं। उत्तराखण्ड उड़ान योजना 2.0के तहत हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू करने वाला पहला स्टेट है। योजना के तहत बेहतर कार्य करने के लिए राज्य को प्रो-एक्टिव पुरस्कार भी हासिल हुआ है।

राज्य में ये आकर्षण के केंद्र

- चारधाम

- नेशनल पार्क।

- औली व हर्षिल नेचुरल प्लेसेस

- वैली ऑफ फ्लावर।

मददगार सािबत हो रही हेली सेवा

सीएम ने कहा कि स्टेट में उड़ान सेवा 2.0 के अधीन हाल में पवन हंस हेली कंपनी की ओर से देहरादून से टिहरी, श्रीनगर, गौचर हेली सेवा की शुरुआत हुई है। राज्य में आपदा के दौरान कई दिक्कतें सामने आती हैं। ऐसे में हेली सेवा बेहतर सेवा है। हाल में पिथौरागढ़ में आई आपदा के दौरान 55 लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। आपदा के दौरान राहत व बचाव कायरें में हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल जानमाल के नुकसान में मददगार साबित होता है। सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए यात्रियों को पूर्ण रूप से स्क्रीनिंग की जा रही है। केंद्र की सभी गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है।

ये शहर जुड़े हैं सीधे हवाई सेवा से

- बैंगलुरू

- हैदराबाद।

- वाराणासी

- मुंबई

- जयपुर

- अमृतसर

राज्य में पहला ग्रीन एयरपोर्ट

पंतनगर एयरपोर्ट को ग्रीन एयर पोर्ट के रूप में डेवलप किया जा रहा है। ये राज्य का पहला ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट होगा। भूमि का चयन हो चुका है। पिथौरागढ़ एयरपोर्ट पर भी सुविधाएं बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पंतनगर से किसानों को एग्रोवेस व फ्रोजन इंडस्ट्री, राइस मिलों, ऑफ सीजन सब्जियों, फलों व फूलों को एक्सपोर्ट करने में फायदा मिल पाएगा।

सहस्त्रधारा हेलीपैड को बताया मॉडल

केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने कहा कि देश में एविएशन के क्षेत्र में सरकारी व निजी क्षेत्र ने बेहतर कार्य किया है। कोरोनाकाल में मेडिसिन व मेडी इक्विपमेंट आदि लाने व ले जाने में ये सहयोगी बने है। हेली सेवाओं के लिये सहस्त्रधारा हेलीपैड को माडल हैलीपैड बताते हुए उन्होंने राज्यों को हेली सेवाओं की मजबूती के लिये पूरा सहयोग का भरोसा दिया।

Posted By: Inextlive