- करीब पांच साल पहले आशारोड़ी बना था टैक्स डिपार्टमेंट का कॉम्प्लेक्स

- करोड़ों की बिल्डिंग्स, ट्यूबवेल, इलेक्ट्रिक सामान हो रहा खराब

- जीएसटी लागू होने के बाद नहीं रही इस कॉम्प्लेक्स की जरूरत

देहरादून

देहरादून के आशारोड़ी बॉर्डर से स्टेट टैक्स डिपार्टमेंट का करोड़ों रुपये खर्च करके बनाया गया कॉम्प्लेक्स और उसमें मौजूद लाखों रुपये का सामान कूड़े में तब्दील हो रहा है। करीब पांच साल पहले बनाया गया यह कॉम्प्लेक्स दरअसल जीएसटी की भेंट चढ़ गया है। अब इसका कोई इस्तेमाल नहीं रह गया है, लेकिन खास बात यह है कि इसे किसी दूसरे जरूरतमंद डिपार्टमेंट को भी ट्रांसफर नहीं किया जा रहा है।

दर्जनभर बिल्डिंग हो रहीं कबाड़

इस कॉम्प्लेक्स में छोटी-बड़ी करीब दर्जनभर बिल्डिंग्स हैं। दून में एंट्री करने वाले सभी व्हीकल्स को यहां रुककर स्टेट का टैक्स जमा करना होता था। वन विभाग और आबकारी विभाग को इस कॉम्प्लेक्स में ऑफिस आवंटित किये गये थे, ताकि ये दोनों विभाग यहां अवैध रूप से लाई जा रही वनोपज और नशीली वस्तुओं की जांच कर सकें।

जीएसटी के बाद सब बेकार

देश में जीएसटी लागू होने के बाद अब इस कॉम्प्लेक्स की जरूरत ही नहीं रह गई है। माल लेकर आने वाले वाहन पहले ही जीएसटी जमा करके यहां आते हैं। इससे अब इस चेकपोस्ट के कॉम्प्लेक्स में अब न तो कोई कर्मचारी बैठता है और न ही कर्मचारी। और तो और विभाग का एक चौकीदार तक यहां नहीं है।

टूट गये दरवाजे और खिड़कियां

लावारिस छोड़ दिये गये इस कॉम्प्लेक्स की हालत ये हो गई है कि ज्यादातर खिड़की और दरवाजे और साबुत नहीं रह गये हैं। पंखे गायब हैं। नलों की टूटियां भी चोरी हो गई हैं। फर्श उखड़े हुए हैं। शीशे टूटे हुए हैं। यहां बैठकर शराब न पियें का बोर्ड विभाग की हंसी उड़ाता प्रतीत हो रहा है, क्योंकि चारों ओर शराब की खाली बोतलें पड़ी हुई हैं। फर्नीचर या तो गायब है या सड़ गया है।

बिजली का सामान भी गुम

कॉम्प्लेक्स में लगी इलेक्ट्रिसिटी कंट्रोल यूनिट में अब भी पावर सप्लाई आ रही है। जाहिर है यह सप्लाई बिना बिजली बिल जमा किये भी चालू है। कंट्रोल यूनिट के अलावा बिल्डिंग्स में बिजली का कोई भी सामान सुरक्षित नहीं है, यहां तक कि बिजली के स्विच बोर्ड भी उखाड़ दिये गये हैं। लाखों रुपये के दो जेनरेटर सेट कॉम्प्लेक्स में लगे हुए हैं। जंक खाकर ये भी खराब हो गये हैं और जेनरेटर सेट के चारों ओर लंबी झाडि़यां उग आई हैं।

ट्यूबवेल और टंकी भी कूड़ा

पानी की सप्लाई के लिए यहां एक ट्यूबवेल बनाया गया है। साथ ही एक ओवरहेड टैंक भी बनाया गया है। लेकिन ये दोनों भी कबाड़ हो चुके हैं। ट्यूबवेल बंद है और इसका सामान खराब हो चुका है। ओवरहेड टैंक भी इस्तेमाल न किये जाने के कारण बर्बाद हो रहा है और चारों ओर से झाडि़यां उग आने के कारण इस टैंक तक पहुंचना भी कठिन हो रहा है।

टॉयलेट भी तोड़ दिये

कॉम्प्लेक्स में बना पब्लिक टॉयलेट भी पूरी तरह से टूट-फूट गया है। इस टॉयलेट से पानी के नल, टूटियां और वॉश बेसिन तक गायब हो गये हैं। कॉम्प्लेक्स में करीब दो दर्जन ऐसे छोटे-बड़े वाहन हैं, जिन्हें विभाग ने जब्त किया था। इनमें कार से लेकर बसें और ट्रक तक शामिल हैं, लेकिन इस वाहनों को लौटाने की कार्रवाई करने या इनका ऑक्शन करने की भी विभाग को फुर्सत नहीं मिल पाई है।

दूसरे विभागों को नहीं दे रहे

यह कॉम्प्लेक्स स्टेट टैक्स डिपार्टमेंट कें अंडर में है। जीएसटी लागू होने के बाद इस कॉम्प्लेक्स की जरूरत नहीं रह गई है, लेकिन इसे दूसरे डिपार्टमेंट को भी नहीं दिया जा रहा है। बताया जाता है कि परिवहन विभाग ने यहां लाइसेंस बनवाने वालों के लिए ट्रायल ट्रैक बनाने की इच्छा जताई थी। पुलिस विभाग ने भी इसमें रुचि दिखाई थी, लेकिन टैक्स डिपार्टमेंट इसे किसी को नहीं दे रहा है।

इस बारे में अब तक विभाग से कोई प्रस्ताव सरकार को नहीं मिला है। विभाग से प्रस्ताव मंगवाकर आगे देखेंगे कि इसका क्या उपयोग किया जा सकता है। करोड़ों की सम्पत्ति को ऐसे बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा।

मदन कौशिक, अरबन डेवलपमेंट मिनिस्टर

Posted By: Inextlive