- सीबीआई को नई रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश

NAINITAL: हाईकोर्ट ने सीएम के खिलाफ सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करने के मामले में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता पत्रकार उमेश शर्मा द्वारा लगाए गए आरोपों की सीबीआई जांच कराने के साथ ही प्रकरण में नई प्राथमिकी दर्ज करने आदेश दिए हैं।

राजपुर थाने में केस हुआ था दर्ज

सेवानिवृत्त प्रोफेसर हरेंद्र सिंह रावत ने उमेश शर्मा के खिलाफ ब्लैकमेलिंग, दस्तावेजों की कूटरचना और गलत तरीके से बैंक खातों की जानकारी हासिल करने का आरोप लगाते हुए इसी साल सात जुलाई को देहरादून स्थित राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में कहा गया था कि उमेश शर्मा ने सोशल मीडिया में खबर चलाई कि प्रो। रावत व उनकी पत्‍‌नी डा। सविता रावत के खाते में नोटबंदी के दौरान झारखंड से अमृतेश चौहान ने रकम जमा करवाई। 25 लाख की यह रकम सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को देने को कहा गया। इस वीडियो में डा। सविता को सीएम की पत्नी की सगी बहन बताया गया। प्रो। रावत के अनुसार ये सभी तथ्य असत्य हैं। उमेश शर्मा ने उनके बैंक के कागजात कूटरचित तरीके से बनाए। साथ ही बैंक खातों की सूचना भी गैर कानूनी तरीके से प्राप्त की। इस बीच सरकार ने आरोपी उमेश शर्मा के खिलाफ गैंगस्टर भी लगा दी थी। आरोपित उमेश शर्मा ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक के लिये हाई कोर्ट नैनीताल में याचिका दायर की थी। उनकी ओर से पूर्व कानून मंत्री व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पैरवी की। उनकी दलील थी कि नोटबंदी के दौरान हुए लेनदेन के मामले में उमेश शर्मा के खिलाफ झारखंड में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें वह पहले से ही जमानत पर हैं, इसलिये एक ही मुकदमे के लिये दो बार गिरफ्तारी नहीं हो सकती। पत्रकार उमेश कुमार व अन्य के खिलाफ देहरादून में भी मामला दर्ज किया था। 16 अक्टूबर को इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूíत रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने आदेश पारित करते हुए उमेश शर्मा के अलावा राजेश शर्मा, एसपी सेमवाल पर दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया। साथ सीबीआई देहरादून को मामले में नई प्राथमिकी दर्ज करते हुए पूरे प्रकरण की जांच करने का आदेश दिया है।

Posted By: Inextlive