-दून में फिर से अतिक्रमण पर अर्बन सेक्रेटरी, डीएम, पूर्व डीएम, एमएनए व अन्य को अवमानना नोटिस

-हाईकोर्ट ने 18 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के दिए निर्देश, कार्रवाई तक की चेतावनी

नैनीताल, दून में अतिक्रमण का मामला एक बार फिर चर्चाओं में है। हाई कोर्ट ने दून में अतिक्रमण हटाने पर हीलाहवाली को बेहद गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने मौजूदा व पूर्व डीएम सहित अर्बन सेक्रेटरी, एसएसपी, नगर निगम के मुख्य नगर अधिकारी, कैंट बोर्ड, एमडीडीए के अधिकारियों को नोटिस जारी कर 18 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। चेताया है कि क्यों न इन अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।

ट्यूजडे को कार्यवाहक चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ में देहरादून के आकाश यादव की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया था कि 2018 में हाईकोर्ट ने मनमोहन लखेड़ा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए देहरादून की सड़कों, गलियों व नालियों तथा रिस्पना नदी से अतिक्रमण हटाकर पुराने स्वरूप में लाने के आदेश पारित किए थे। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद प्रशासन ने घंटाघर देहरादून सहित अनेक स्थानों से अतिक्रमण हटाया। लेकिन सरकारी तंत्र की लापरवाही के चलते कई स्थानों पर फिर से अतिक्रमणकारियों का राज स्थापित हो गया। जिस कारण रोड, नालियां, गलियां व मार्ग संकरे हो गए। याचिका में दून को अतिक्रमण से मुक्त करने की प्रार्थना की गई। ट्यूजडे को याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने डीएम आशीष श्रीवास्तव, पूर्व डीएम सी रविशंकर, मुख्य नगर अधिकारी विनय शंकर पांडे, शहरी विकास सचिव शैलेश बगौली, एसएसपी अरुण मोहन जोशी व राजीव शर्मा को अवमानना नोटिस जारी कर 18 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दिए।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया

याचिका दायर करने वाले दून निवासी आकाश यादव ने अदालत का स्वागत किया है। प्रेमनगर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा है कि 2018 में अतिक्रमण हटने के बाद प्रेमनगर में फिर से 72-73 दुकानें दुबारा तैयार हो गई। ये वे दुकानें हैं, जिनकी पहुंच थी। जबकि शहर के दूसरे इलाकों में जरूरतमंदों की दुकानों का अतिक्रमण हटने के बाद उनकी ओर से दोबारा कोई अतिक्रमण नहीं हुआ। आकाश का कहना है कि उन्होंने बीती 16 अक्टूबर को रि-ज्वाइंडर अपील दायर की थी। जिसमें अतिक्रमण के फोटोग्राफ तक शामिल थे।

Posted By: Inextlive