शिवालिक एलीफेंट रिजर्व को खत्म करने पर रोक

-हाईकोर्ट ने केंद्र, राज्य सरकार, जैव विविधता बोर्ड व वाइल्ड लाइफ बोर्ड से मांगा जवाब

NAINITAL: हाईकोर्ट से प्रदेश सरकार को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए देहरादून के शिवालिक एलीफेंट रिजर्व को खत्म करने के स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही केंद्र, राज्य सरकार, जैव विविधता बोर्ड व स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।

24 को हुई थी बैठक

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में 24 नवंबर को स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक हुई थी। इसमें देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तार के लिए शिवालिक एलीफेंट रिजर्व को डिनोटिफाई करने का निर्णय लिया गया था। कहा गया कि इस रिजर्व की वजह से राज्य की विकास योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। इसके बाद हाल में देशभर के 80 पर्यावरण प्रेमियों ने भी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस मामले का संज्ञान लेने की प्रार्थना की थी। कोर्ट ने पत्र का जनहित याचिका के रूप में संज्ञान लेते हुए पक्षकारों से जवाब मांगा था। इधर, अब देहरादून की एक्टिविस्ट रीनू पाल ने नई जनहित याचिका दायर की है। जिसमें कहा गया है कि देश में 1993 से प्रोजेक्ट एलीफेंट के तहत 11 एलीफेंट रिजर्व नोटिफाई किए गए थे। जिसमें शिवालिक एलीफेंट रिजर्व प्रमुख था। राज्य के छह जिलों में फैले इस रिजर्व को डिनोटिफाई करने का निर्णय 24 नवंबर 2020 को ले लिया गया, जबकि इसे एक माह बाद सार्वजनिक किया गया। शिवालिक एलीफेंट की अधिसूचना 2002 में जारी की थी और जिसमें कुल 14 हाथी कॉरिडोर हैं। रिजर्व का क्षेत्रफल 5200 वर्ग किलोमीटर है। याचिकाकर्ता ने हाथियों पर लिखी गई किताबों का हवाला देते हुए कहा कि हाथी लंबी दूरी तय करने वाला प्राणी है, इसलिए छह जिलों में फैले रिजर्व की अत्यधिक आवश्यकता है। 24 अक्टूबर 2020 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली संयुक्त पीठ ने हाथियों के संरक्षण पर जोर दिया था। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राघवेंद्र सिंह चौहान व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद रिजर्व को खत्म किए जाने के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी।

Posted By: Inextlive