- दो सप्ताह में याचिकाकर्ता को नहीं दी रकम तो होगी अवमानना की कार्रवाई

NAINITAL: देहरादून में महिला की संपत्ति पर अवैध कब्जा कर निर्माण करने के मामले में शिकायत के बाद कार्रवाई नहीं करने को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली कोर्ट ने हीलाहवाली करने पर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए), एसएसपी व एसएचओ पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने कहा कि दो सप्ताह के भीतर जुर्माने की राशि याचिकाकर्ता को न देने पर अवमानना की कार्रवाई होगी। साथ ही जुर्माने की राशि वेतन से देनी होगी, यदि तय अवधि में पेमेंट नहीं की गई तो डीएम देहरादून को राजस्व वसूली के तहत कार्रवाई करनी होगी।

बिना परमिशन के किया निर्माण

देहरादून निवासी सविता गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि पलटन बाजार में उनकी दुकान है। बताया कि सविता ने दुकान बेच दी, मगर छत नहीं बेची थी। विपक्षी सौरभ गुप्ता, गौरव गुप्ता व हरीश गुप्ता ने छत पर अवैध तरीके से कब्जा कर बिना अनुमति निर्माण कर लिया। महिला का कहना था कि पहले ख्0क्9, फिर दिसंबर ख्0ख्0 में उसने एमडीडीए, एसएसपी व एसएचओ से शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने इसी साल जनवरी में याचिका खारिज करते हुए सिविल वाद दायर करने का आदेश दिया। एकलपीठ के इस निर्णय के खिलाफ सविता ने विशेष अपील दायर की। जिस पर कोर्ट ने एसएसपी, एसएचओ व एमडीडीए के अफसरों को तलब किया था। सोमवार को एसएसपी वाईएस रावत व कोतवाली देहरादून के एसएचओ शिशुपाल सिंह नेगी कोर्ट में पेश हुए। एमडीडीए की ओर से कहा गया कि ख्8 दिसंबर ख्0ख्0 व क्भ् जनवरी ख्0ख्क् को सीलिंग का नोटिस दिया गया था। साथ ही कहा कि पुलिस फोर्स मांगने के बाद उपलब्ध नहीं कराई गई। इस पर नाराज कोर्ट ने कहा कि डीजीपी को पत्र क्यों नहीं लिखा। जब कोई घटना घट जाती है तब पुलिस कार्रवाई करती है।

Posted By: Inextlive