- पीसीसीएफ हुए पेश, जवाबों से नाराज कोर्ट ने एक बार सुनवाई टालने के बाद पारित किया अहम आदेश

- जिला व डिवीजन स्तर पर फायर मैनेजमेंट प्लान बनाने के आदेश

NAINITAL: हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में बेकाबू होती जंगल की आग पर स्वत: संज्ञान लेते हुए महत्वपूर्ण आदेश पारित किए हैं। कोर्ट ने वन महकमे में फॉरेस्ट गार्ड, रेंजर समेत अन्य रिक्त पदों को छह माह के भीतर भरने तथा सरकार को वन विभाग व आपदा प्रबंधन विभाग को इसके लिए फंड जारी करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने जंगलों में लगी आग को दो सप्ताह के भीतर बुझाने को कहा है। साथ ही राज्य की विषम भौगोलिक व संवेदनशील परिस्थितियों के अनुसार कृत्रिम बारिश पर विचार करने तथा जंगल की आग पर नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय नीति पर अमल करने के आदेश राज्य सरकार को दिए हैं। कोर्ट ने फायर सीजन से दो माह पहले मैनपावर व संसाधन उपलब्ध कराने, हेलीकॉप्टर से आग बुझाने के साथ ही उत्तराखंड से संबंधित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के अगस्त ख्0क्7 में पारित आदेश का छह माह के भीतर अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है। आग बुझाने के लिए स्पेशल क्विक रिस्पांस टीम बनाने तथा टीम को साल भर मुस्तैद रखने के आदेश पारित करते हुए जनहित याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया। बुधवार सुबह मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तराखंड के प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ ) राजीव भरतरी पेश हुए। भरतरी ने अब तक जंगलों में लगी आग का विस्तृत ब्योरा पेश किया। पीसीसीएफ के जवाब से संतुष्ट न होने पर हाईकोर्ट ने पहले दो बजे तक सुनवाई स्थगित कर ली। साथ ही उन्हें दोबारा रिकॉर्ड समेत कोर्ट में तलब कर लिया।

Posted By: Inextlive