DEHRADUN: बोर्ड रिजल्ट और हाई स्कूल के स्टूडेंट्स का गिरता लेवल एजुकेशन डिपार्टमेंट के लिए परेशानी का सबब बन गया है. तमाम प्रयासों के बावजूद प्राइवेट स्कूल्स के मुकाबले स्टेट एजुकेशन बोर्ड के स्टूडेंट्स पिछड़ रहे हैं. ऐसे में बोर्ड एग्जाम रिजल्ट को बेहतर करने को लेकर डिपार्टमेंट लंबे समय से हर मुमकिन कोशिश कर रहा था. इसी कड़ी में डिपार्टमेंट ने उपराचात्मक शिक्षा योजना शुरू की. सहसपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना को चलाया गया. पायलट स्टेज में सफलता के बाद डिपार्टमेंट इस पूरे स्टेट में स्टार्ट करने की योजना बना रहा है. अगर योजना सफल रही तो नाइंथ और टेंथ क्लास में स्टूडेंट्स की राह आसान होगी.


पायलट प्रोजेक्ट से की शुरुआत
राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत एट्थ क्लास तक स्टूडेंट को फेल न किए जाने के नेगेटिव रिजल्ट  बोर्ड एग्जाम में सामने आ रहे थे। स्टूडेंट का लेवल इंप्रूव करने के लिए टीचर्स स्टूडेंट्स के साथ सख्ती भी नहीं बरत सकते। ऐसे में लगातार स्टूडेंट्स को नाइंथ और टेंथ क्लास का सिलेबस भारी होता, जिससे वे फेल हो जाते। योजना के तहत लर्निंग लेवल एसेसमेंट (एलएलए) के आधार पर नाइंथ क्लास के स्टूडेंट्स की क्षमता जांची गई। इसी के आधार पर एक्सपर्टेड एलिमेंटरी लेवल कॉम्टिसी(ईईएलसी) डेवलप की गई। सबसे पहले इसे सहसपुर ब्लॉक में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू की गई योजना के रिजल्ट्स बेहतरीन रहे। योजना लागू करने से पहले एलएलए में आठ परसेंट स्टूडेंट ही सफल हो पाए। इसके बाद फिर शिक्षकों ने योजना के तहत 25 दिन मेहनत की और महज कुछ ही दिनों में ये आंकड़ा 58 फीसदी तक पहुंच गया। चार सब्जेक्ट्स का हुआ शिक्षण


उपचारात्मक शिक्षण में स्टूडेंट्स को हिंदी, इंग्लिश, साइंस और मैथ सब्जेक्ट की क्लासेज दी गई। इसके लिए स्कूल के पीरियड्स में से एक पीरियड को खासतौर पर इन सब्जेक्ट्स के लिए रखा गया था। इन पीरियड्स में स्टूडेंट को सब्जेक्ट की पढ़ाई कराई गई। इसके प्रभाव का पता लगाने के लिए एक टेस्ट कंडक्ट कराया गया, जिसमें रिजल्ट बहुत अच्छा रहा। प्रोग्राम को लागू करने से पहले एक टेस्ट कराया गया था, जिसका रिजल्ट बेहतर नहीं था। 25 दिन की स्पेशल क्लासेज के बाद दोबारा टेस्ट कंडक्ट कराया गया। खास बात यह रही कि किसी भी स्टूडेंट को टेस्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इसके बाद भी रिजल्ट बेहतरीन रहा। उम्मीद है कि यह प्रोग्राम कामयाब रहेगा।---- पवन कुमार शर्मा, गर्वनमेंट इंटर कॉलेज, सेलाकुईउपचारात्मक शिक्षण योजना को स्टार्ट करने का मकसद शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना था। सहसपुर ब्लॉक में चलाए गए प्रोग्राम की सफलता को देखते हुए जल्द ही इसे दूसरे ब्लॉक्स में भी चलाया जाएगा। रिजल्ट अच्छे रहे तो हमारी कोशिश रहेगी कि इसे अगले साल तक पूरे स्टेट के स्कूल्स में लागू किया जाए। --- एसपी खाली, मुख्य शिक्षा अधिकारी

Posted By: Inextlive