पैसा बहाया काम न आया : स्थानीय लोगों की मानें तो जब हॉस्पिटल हाईटेक नहीं था तो यहां लोगों को बेहतर उपचार मिल जाता था। लेकिन अब जब यहां सभी सुविधाएं जुटा ली गई हैैं और उनका फायदा पेशेंट्स को नहीं मिल पा रहा है। हॉस्पिटल को अपग्रेड करने में स्थानीय विधायक और सांसद नें भी आर्थिक मदद की थी।

- पीपीपी मोड पर चल रहा कैंट हॉस्पिटल से लोग परेशान
- 150 बेड के हॉस्पिटल में एक भी पेशेंट नहीं हो पा रहा भर्ती

देहरादून (ब्यूरो): दून के गढ़ी कैंट स्थित हॉस्पिटल का फायदा स्थानीय लोगों को नहीं मिल रहा है। व्यवस्थाएं इतनी बदहाल हैैं कि लोग अब इस हॉस्पिटल में जाने से भी कतरा रहे है। कहने के लिए यहां 150 बेड का हाईटेक हॉस्पिटल बना है। लेकिन, 2 साल में अब तक इस हॉस्पिटल मेें एक भी पेशेंट एडमिट नहीं किया गया। इमरजेंसी में लोगों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

ये-ये इलाके हो रहे प्रभावित
गढ़ी कैंट
डाकरा
विजय कॉलोनी
शक्ति कॉलोनी
अनारवाला
टपकेश्वर रोड
निम्बूवाला
नागेश्वर
कौलागढ़
चांदमारी
जैतनवाला
पुरोहितवाला
खापरवाला
हल्दूवाला
संतला देवी
घंघोड़ा

सांसद ने दिलाए थे 10 वेंटीलेटर
कैंट के स्थानीय लोगों को इमरजेंसी की स्थिति में परेशानी न हो इसके लिए सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह ने यहां 10 वेंटीलेटर उपलब्ध कराये थे। जिसके बाद यहां हॉस्पिटल में वेंटीलेटर की भी सुविधा मौजूद है। इसके अलावा हंस फाउंडेशन की ओर से भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी मिला। केन्द्र की ओर से ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट भी हॉस्पिटल में लगाया गया है।

सिटी के बीचों-बीच है हॉस्पिटल
करीब 8 किलोमीटर एरिया में दो दर्जन से ज्यादा इलाके कैंट हॉस्पिटल पर निर्भर हैैं। जुलाई 2021 में इस हॉस्पिटल को हाईटेक किया गया था। इसमें 150 बेड की व्यवस्था की गई थी ताकि पेशेंट्स को एडमिट किया जा सके, लेकिन कई दिक्कतों के चलते पेशेंट भर्ती नहीं किए जा रहे।

वर्जन :-
जब से हॉस्पिटल को अपग्रेड किया है तब से अब तक पेशेंट्स को कोई सुविधा नहीं मिल पाई है। अगर यहां इमरजेंसी में डॉक्टर से जांच कराने भी जाएं तो वे डालनवाला स्थित एसके मेमोरियल में भर्ती के लिए भेज देते है।
राज भट्ट, स्थानीय निवासी


बीते दो साल से ज्यादा का समय हो चुका लेकिन, यहां अब तक पेशेंट को आईपीडी की सुविधा नहीं मिल पा रही है। आईपीडी के नाम पर इन्होंने भर्ती तो दिखाए लेकिन, उन्हें एसके मोमोरियल हॉस्पिटल में रेफर कर दिया जाता है।
विष्णु गुप्ता, स्थानीय निवासी


पहले कई महीनों तक ये हॉस्पिटल डॉक्टर न होने के कारण चला ही नहीं। इसके बाद इसे पीपीपी मोड पर संचालित करने के लिए एक प्राइवेट हॉस्पिटल को सौंप दिया गया। अब हॉस्पिटल शुरू हुआ, लेकिन यहां पेशेंट भर्ती ही नहीं किए जाते।
ममता क्षेत्री, स्थानीय निवासी

सेना से जुड़े हुए लोगों के लिए यहां मिलिट्री हॉस्पिटल की सुविधा है। लेकिन मध्यम वर्गीय आम आदमी के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए यही एकमात्र कैंट हॉस्पिटल है। पीपीपी मोड पर जाने के बाद इस हॉस्पिटल में चारों तरफ बदहाली है।
मेघा भट्ट, स्थानीय निवासी

ऑफिशियल स्टैैंड
हॉस्पिटल में वैक्यूम की सुविधा न होने के कारण दिक्कत है, इसलिए पेशेंट्स को एसके मेमोरियल हॉस्पिटल रेफर किया जाता है। जल्द ही हॉस्पिटल में जरूरी संसाधन जुटाए जाएंगे और पेशेंट्स को एडमिट करने की व्यवस्था शुरू की जाएगी।
:- डॉ। अजय खन्ना, प्रभारी कैंट हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive