अब आपदा राहत में एसडीआरएफ से साथ दिखेंगे होमगार्ड्स
- पूरे प्रदेश से 400 होमगार्ड के जवान होंगे शामिल
- होमगार्ड जवानों को एडवांस उपकरणों को चलाने की दी जा रही ट्रेनिंग priyank mohan@inext.co.in DEHRADUN उत्तराखंड में आपदा राहत और बचाव के लिए बनाई गई स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स(एसडीआरएफ) के साथ अब होमगाडर््स भी कंधे से कंधा मिलाकर चलते नजर आएंगे। ये सभी होमगार्ड्स के जवान रेस्क्यू के दौरान एसडीआरएफ की टीम के मार्गदर्शक के रूप में काम करेंगे। एसडीआरएफ ने होमगार्ड के जवानों को पहले फेज की ट्रेनिंग भी दे दी गई है। आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों के होमगार्ड के जवानों को चिन्हित कर दिया गया है। पूरे प्रदेश से करीब ब्00 से ज्यादा होमगार्ड के जवान हैं जो कि जल्द एसडीआरएफ में शामिल होंगे। ब्00 होमगार्ड चयनितदरअसल चारधाम यात्रा के दौरान रोड ब्लॉक और बादल फटने की घटनाएं लगातार सामने आने के बाद सीएम हरीश रावत ने एसडीआरएफ के साथ राहत कार्य में होमगार्ड के जवानों को लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन का एक्सपर्ट न होने के कारण इन्हें पहले एक विशेष ट्रेनिंग देने का फैसला लिया गया। आईजी एसडीआरएफ संजय गुंज्याल ने बताया कि रुद्रप्रयाग, देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वार चमोली जिलों में तैनाती के लिए प्रदेशभर के करीब ब्00 से ज्यादा होमगार्ड के जवानों को चिन्हित किया गया, जो कि अब चारधाम और आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यो में एसडीआरएफ की मदद करेंगे।
राहत पंहुचाने में मलेगी मदद आईजी गुंज्याल ने बताया कि स्थानीय जिलों के होमगार्ड की तैनाती से राहत और बचाव कार्य में टीम को मदद मिलेगी। क्योंकि होमगार्ड के जवान किसी भी आपदा प्रभावित जगह की भौगौलिक परिस्थितियों के बारे में होम डिस्टिक होने की वजह से भली भांति वाकिफ होते हैं। चूंकि एसडीआरएफ की वर्तमान में पूरे प्रदेश में एक ही बटालियन काम कर रही है ऐसे में होमगार्ड फायदेमंद साबित होंगे। इस बरसात कर चुके ट्रेनिंग पूरे प्रदेशभर से एसडीआरएफ के साथ शामिल होने वाले होमगार्ड के जवानों को इस सीजन में बरसात के दौरान आपदा की ट्रेनिंग दी गई। जवानों को स्विमिंग, फर्स्ट-एड, आधुनिक तकनीक से अस्थाई पुल बनाने समेत कई अहम जानकारियां दी गईं। आगे इन जवानों को आधुनिक तकनीक के उपकरणों से भी लैस किया जाएगा। ----------- होमगार्ड के जवानों के एसडीआरएफ में शामिल होने से राहत और बचाव कार्यो में और भी मजबूती आएगी। इन सभी को ट्रेंड कर दिया गया है। संजय गुंज्याल, आईजी गढ़वाल