अब दून से भी 23 डेंजरस डॉग्स की ब्रीड गायब हो जाएगी। बस इंतजार है ऐसी गाइडलाइन का जिसके बाद इन डॉग्स से किसी भी तरह से इंसानों को नुकसान न पहुंचे।

-नगर निगम की ओर से 23 खतरनाक डॅाग्स की ब्रीड पर होमवर्क तेज

देहरादून, 15 अप्रैल (ब्यूरो)। मार्च में अलग-अलग विभाग से आदेश आने के बाद दून में भी अब इसकी नस्ल खत्म करने की तैयारी की जा रही है। जिसके बाद आने वाले समय में रोटविलर, पिटबुल, अमेरिकन बुली जैसे 23 खतरनाक नस्ल के कुत्ते नहीं दिखाई देंगे। फिलहाल नगर निगम नसबंदी के लिए गाइडलाइन बना रहा है। जिससे इनकी प्रजाति को खत्म किया जा सकें। फिलहाल नगर निगम इन डॉग्स की नसबंदी करा रहा है। इसके बाद अगर कोई रजिस्ट्रेशन अपडेट नहीं करता है तो इन नस्ल के डॉग्स ओनर के चालान किए जाएंगे।

7 व 12 मार्च को जारी हुए आदेश
आम आदमी पर हमलावर हो रहे खूंखार नस्ल के डॉग्स की 23 नस्ल की बिक्री ही नहीं उन्हें पालने के लिए सरकार की ओर से प्रतिबंध लगा है। 23 नस्ल के डॉग्स में तीन नस्ल पिटबुल, रोटविलर और अमेरिकन बुली ही राजधानी में भी मौजूद है। केवल इन तीन नस्ल के डॉग्स 231 नगर निगम में रजिस्टर्ड हैं। इससे लिए बकायदा सरकार की ओर से 7 मार्च और 12 मार्च को आदेश भी जारी हुए हैं।

गाइडलाइन न होना बना समस्या
बीते कुछ सालों में पब्लिक में विदेशी डॉग्स को पालने का शौक बढ़ा है। लेकिन इनके पालन पोषण और इनके रखरखाव को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं था। इसके साथ ही उत्तराखंड समेत कई राज्यों में इन खुंखार डॉग्स के काटने से लोग घायल हुए और कई की तो जान भी चली गई। जिसके बाद एक व्यक्ति की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन डाली गई। कारणों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से कुछ विदेशी और खूंखार नस्ल के कुत्तों को पालने पर प्रतिबंध लग गया। हालांकि शासन को भी इसके लिए गाइडलाइन बनाने के भी निर्देश दिए गए है। लेकिन, इसके बाद अभी तक शासन की ओर से कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। लेकिन, नगर निगम की ओर से भी दून में 23 नस्लों के कुत्तों के चिह्नीकरण किए गए हैं। ताकि, इनकी नसबंदी कराई जा सके। नसबंदी कराने के बाद नस्ल धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी।

ये हैं डेंजरस ब्रीड
रोटविलर
टेरियर्स
रोडेसियन रिजबैक
वुल्फ
पिटबुल टेरियर
टोसा इनु
अमेरिकन स्टैफोर्डशायर टेरियर
फिला ब्रासीलिरो
डोगो अर्जेंटीनो
अमेरिकन बुली (अमेरिकन बुलडॉग)
बोअरबोएल
कांगल
मिड एशियन शेफर्ड
कोकेशियान शेफर्ड
साउथ रशियन शेफर्ड
टॉर्नजैक
सरप्लानिनैक
जापानी टोसा और अकिता
मास्टिफ्स
कैनारियो
अकबाश
मॉस्को गार्ड
केन कोरसो

कई लोगों को किया घायल
दून समेत हरिद्वार, रुड़की, विकासनगर सहित उत्तराखंड में अक्सर इन खबरें भी आती रही हैं। कुत्तों के हमलों की इन कुत्तों से लोगों को सुरक्षित किया जा रहा है। बीते जनवरी की शुरूआत में देहरादून में कार में बैठे रोटविलर नस्ल के कुत्ते ने केरल निवासी निबिन जोश को काट लिया था। जिसमें वह घायल हो गए थे। दोनों मामलों में मुकदमा भी दर्ज किया गया था। इससे पहले दिसंबर में रुड़की की 72 वर्षीय महिला पर पिटबुल ने हमला कर दिया था। इसमें वह गंभीर घायल हो गई थीं। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।

दून में रोटविलर सबसे ज्यादा
दून में सबसे ज्यादा खतरनाक नस्ल के रोटविलर को पाला जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार दून में इस नस्ल के 142 कुत्ते रजिस्टर्ड हैं। जबकि, दूसरे नंबर पर पिटबुल 89 पिटबुल और अमेरिकन बुली नस्ल के दो डॉग्स रजिस्टर्ड हैं। जानकारी के अनुसार कई लोग डॉग्स के रजिस्ट्रेशन नहीं करा रहे हैं। ऐसे में शहर में यह संख्या और अधिक हो सकती है। जिसे देखते हुए सेल, परचेज से लेकर इनके प्रजनन प्रतिबंधित लगाया गया हैं।

2022 में ज्यादा हुए रजिस्ट्रेशन
दून नगर निगम में डॉग्स के रजिस्ट्रेशन को लेकर पब्लिक लापरवाही बरत रही है। इसकी जानकारी नगर निगम से मिले आंकड़ों से मिली है। नगर निगम के बीते 2022 में 4500 डॉग्र्स रजिस्टर्ड थे। जबकि, 2023 में 2700 डॉग्स ही रजिस्टर्ड है। वहीं जिन डॉग्स के रजिस्ट्रेशन हुए है। नगर निगम में हर साल डॉग्स के रजिस्ट्रेशन रिन्यु कराने होते है। लेकिन, पब्लिक की ओर से इसके प्रति लापरवाही बरती जा रही है। हालांकि, नगर निगम का दावा है कि रजिस्ट्रेशन के दौरान दिए गए नम्बर पर कॉल कर रजिस्ट्रेशन अपडेट कराने की जानकारी दी जा रही हैं। जिससे रिकॉर्ड मेनटेन किया जा सके।

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Posted By: Inextlive