आजकल राजधानी में पिछले कुछ वर्षों से नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। सड़कों के किनारे फूड कॉर्नर वैन और जूस कॉर्नर नजर आ रहे हैं। बेशक ये कॉर्नर रोजगार का जरिया बन रहे हैं। लेकिन इनसे ट्रैफिक में बाधा व रोड एक्सीडेंट्स का भी खतरा बढ़ रहा है। खासकर अब जब स्टेट में टूरिस्ट सीजन शुरू हो गया है और टूरिस्ट में फ्लो देखने को मिल रहा है। ऐसे में इन कॉर्नर्स से दिक्कतें बढ़ने लगी हैं। पुलिस अब इन पर कार्रवाई की बात कह रही है।

देहरादून (ब्यूरो)। करीब दो वर्ष यानि कोविडकाल से पहले दून की सड़कों के किनारे एकाध ही फूडवैन या फिर जूस कॉर्नर नजर आते थे। लेकिन, अब शहर में हर इलाकों में इनकी संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। ट्राई साइकिल पर लोग खोखा तैयार कर सड़कों किनारे अपना रोजगार चला रहे हैं और कस्टमर्स भी उन तक पहुंच रहे हैं। इन कॉर्नर की संख्या दून की सड़कों पर सबसे ज्यादा नजर आ रही है। ऐसे ही पुरानी कारों को मॉडिफाई कर मूवेबल फूड कॉर्नर तैयार किए हैं। जबकि, आइसक्रीम और जूस के कॉर्नर भी बड़ी संख्या में नजर आ रहे हैं। खास बात ये है कि इन कॉर्नर पर कस्टमर्स की आवाजाही भी कम नहीं है। जहां देखो, वहां भीड़ ही भीड़ नजर आने लगी है।

पर्यटकों की आमद भी बढ़ने लगी
दिलचस्प ये है कि ये कॉर्नर सड़कों के किनारे उन इलाकों पर खड़े किए गए हैं। जहां पर धूप के बचने के लिए छांव हो। जाहिर है कि टूरिस्ट सीजन भी धीरे-धीरे शुरू हो चुका है। पर्यटकों की आवाजाही में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। खासकर वीकेंड पर बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। ऐसे में बाहर से आने वाले पर्यटक भी इन कॉर्नर तक पहुंच रहे हैं। इन कॉर्नरों तक पहुंचने वाले कस्टमर्स सड़कों पर ही वाहन पार्क कर रहे हैं। जिस कारण सड़कों के किनारे खड़े इन कॉर्नर से सबसे ज्यादा असर ट्रैफिक पर पड़ रहा है। प्रेमनगर निवासी मोहित का कहना है कि सड़कों के किनारे फूड कॉर्नर लगे, लेकिन, ट्रैफिक का भी ख्याल रखा जाना चाहिए। इधर, ट्रैफिक पुलिस ने अब इनसे निपटने के लिए अपना वर्क प्लान तैयार कर दिया है। एसपी ट्रैफिक अक्षय कोंडे का कहना है कि सड़कों के किनारे फूड कॉर्नर लगे, लेकिन टूरिस्ट सीजन में ट्रैफिक में बाधा न आए। जिसके लिए पुलिस उन्हें अवेयर करेगी।

विभागों के साथ मंथन करेगी पुलिस
बताया जा रहा है कि पुलिस इस बावत नगर निगम, परिवहन विभाग व हेल्थ डिपार्टमेंट से भी इस बारे में मंथन करेगी। जिससे टूरिस्ट सीजन में बेहतर ट्रैफिक संचालन में टूरिस्ट को दिक्कत न हो और इसका असर देश-दुनिया से आने वाले टूरिस्ट पर न पड़े।

नगर का वेंडिंग जोन प्रोजेक्ट को पलीता
नगर निगम ने सिटी में जरूरतमंदों के लिए वेंडिंग जोन शुरू करने की बात कही थी। इसके लिए बाकायदा करीब दो दर्जन स्थान चिन्हित किए गए थे। लेकिन, कोरोना काल के बाद निगम का ये प्रोजेक्ट फाइलों में गुम हो गया। निगम ने इसके लिए लैंड का हवाला दिया था। हालांकि, राजधानी के छह नंबर पुलिस पर निगम ने कुछ वर्ष पहले स्मार्ट वेंडिंग जोन की शुरुआत की थी, जो अब तक चल रहा है।
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Posted By: Inextlive