- आईएमए की वर्षो पुरानी परंपरा पर दिखा कोरोना का असर

- पहली बार पीओपी से पहले वियतनाम लौटे कैडेट

DEHRADUN: कोरोना का असर भारतीय सैन्य अकादमी की वर्षो पुरानी परंपराओं पर पर भी दिखा है। पहली बार ऐसा हुआ है कि अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे वियतनाम के कैडेट पासिंग आउट परेड से पहले ही वतन लौट गए हैं। बुधवार को अकादमी की चैटवुड बिल्िडग में पीपिंग सेरेमनी आयोजित की गई।

208 कैडेट ले रहे प्रशिक्षण

दून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में न केवल देश, बल्कि विदेश के भी जेंटलमैन कैडेट को प्रशिक्षण दिया जाता है। वर्तमान में अकादमी में 11 मित्र देशों के 208 कैडेट प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। वियतनाम के तीन कैडेट भी इन्हीं में शामिल थे, जिन्हें दिसंबर में होने वाली पासिंग आउट परेड का हिस्सा बनना था। पर वियतनाम दूतावास के आग्रह पर इनकी पीपिंग सेरेमनी पहले आयोजित कर दी गई। दरअसल, वियतनामी देश के अलग-अलग सैन्य संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। वियतनाम दूतावास यह चाहता था कि प्रशिक्षण पूरा होने पर यह सभी एकसाथ वतन लौटें। अकादमी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत व वियतनाम का वर्षो से एक मजबूत रिश्ता रहा है और ये कदम आपसी साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में सैन्य कूटनीति का हिस्सा है। वंदे भारत मिशन के तहत उन्हें वियतनाम भेजा जा रहा है। कोरोना के चलते जून में भी पासिंग आउट परेड सादगी के साथ आयोजित की गई थी। ऐसा पहली बार था कि पैरेंट्स परेड में शामिल नहीं हुए और युवा अधिकारियों को पीओपी के तुरंत बाद सीधा बटालियन में भेजा गया। उनके कंधे पर सितारे भी गुरुजनों ने लगाए। अब जबकि दिसंबर में पासिंग आउट परेड होनी है, देखना यह होगा कि इस बार इसका स्वरूप क्या होगा।

Posted By: Inextlive