यदि आपका अपना घर है और आप कुछ कमाई करना चाहते हैं तो आप अपने घर की छत पर सोलर एनर्जी प्लांट लगाकर प्रतिमाह तक 10 हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक की इनकम पा सकते हैं। साथ ही अपनी बिजली बिल भी शून्य करा सकते हैं।

- ऊर्जा निगम ने शुरू की केंद्रीय अनुदान की रूफ टॉप सोलर स्कीम
- 3 किलोवाट क्षमता तक के प्लांट को 17662 रुपये प्रति किलोवाट मिलेगी सब्सिडी

देहरादून (ब्यूरो): दून समेत पूरे राज्य में रूफ टॉप सोलर स्कीम के सेकेंड फेज का काम शुरू हो गया है। ऊर्जा निगम को इसके लिए नोडल इकाई बनाया गया है। योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को 3 किलोवाट क्षमता का रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए 17662 रुपये प्रति किलोवाट बतौर सब्सिडी मिलेगी, जबकि 10 किलोवाट क्षमता के लिए 8831 रुपये प्रति किलोवाट की दर से अनुदान राशि मिलेगी। एक किलोवाट के प्लांट पर करीब 50 से 55 हजार रुपये खर्चा आता है, जिसमें निर्धारित सब्सिडी कम कर दी जाएगी। प्रदेशभर में 25 लाख के लगभग बिजली कंज्यूमर्स हैं। ऊर्जा निगम ने सभी कंज्यूमर्स को रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाकर 30 से 40 प्रतिशत तक सब्सिडी की छूट लेने की अपील की है।

ऐसे कर सकते हैं आवेदन
ऊर्जा निगम के डायरेक्टर ऑपरेशन एलएल प्रसाद ने बताया कि जो कंज्यूमर रूफ टॉप स्कीम का लाभ लेना चाहता है वह नेशनल पोर्टल क्रह्यशद्यड्डह्म्ह्म्शशद्घह्लशश्च।द्दश1.द्बठ्ठ के माध्यम से सीधे आावेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही वह पोर्टल से योजना से जुड़ी नीतियों की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ऊर्जा निगम आवेदनकर्ता के प्रपत्र का अवलोकन कर तकनीकी स्वीकृति प्रदान करेगा। इसके बाद प्लांट को ग्रिड से जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी तक योजना से 138 लाभार्थियों के छतों पर 1346 किलोवाट क्षमता के प्लांट लगाए जा चुके हैं।

रूफ टॉप स्कीम बनेगी ऊर्जा उत्पादन का बड़ा जरिया
दून से लेकर राज्य के दुर्गम इलाकों की बिजली डिमांड को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर ग्रीन एनर्जी का उत्पादन करने का सरकार ने फैसला लिया है। इसके लिए सरकार ने जोर-शोर से तैयारी भी शुरू कर दी है। अगले पांच साल का खाका खींचकर सरकार ने सोलर एनर्जी को नया आयाम देने जा रही है। ग्रीन एनर्जी को सरकार हाइड्रो पावर का अलटरनेट बनाने जा रही है। उधर सरकार ने करीब 1000 गांवों को ग्रीन एनर्जी विलेज के रूप में डेवलप करने की कार्ययोजना बनाई गई है। पहले फेज का काम खत्म होने के बाद दूसरे में फेज में शहरों में भी सरकारी जमीन, बिल्डिंग की छतों पर पावर प्लांट लगाए जाएंगे।

कम खर्च में ज्यादा बिजली
जल विद्युत परियोजना के निर्माण पर हजारों करोड़ खर्च करने पड़ते, तब जाकर कई सालों की मशक्कत के बाद एक पावर प्रोजेक्ट तैयार हो पाता है, जबकि इसके इतर सोल प्लांट लगाने में बहुत कम समय लगता है। सोलर एनर्जी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के मुकाबले काफी कम कीमत पर बनती है। इसके लिए साउथ फेंसिंग गांवों को पहले चरण के लिए चिन्हित किया जाएगा। इसके अलावा हाइड्रो पावर के लिए जमीन एक्वायर करने में ही कई साल लग जाते हैं ओर बड़ी आबादी को अपनी जमीन और घर तक त्यागने पड़ते हैं। इसलिए सरकार ग्रीन एनर्जी पर फोकस कर रही है।

निजी निवेश पर भी फोकस
सोलर एनर्जी के लिए निजी निवेशकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार स्थानीय निवासियों के साथ ही बड़ी कंपनियों को भी राज्य में सोलर एनर्जी प्लांट लगाने के लिए छूट दी जा रही है। बंजर भूमि और निजी प्लांट पर सोलर प्रोजेक्ट लगाए जा सकेंगे। इसके लिए आकर्षक सब्सिडी दी जाएगी। बड़ी कंपनियों को सरकार बंजर भूमि उपलब्ध कराएगी।

प्रदेश में ग्रीन एनर्जी को बढ़ाने के लिए रूफ टॉप सोलर स्कीम शुरू की गई है, जिसमें 30 से 40 प्रतिशत तक का केंद्रीय अनुदान दिया जा रहा है। राज्य में 25 लाख से अधिक बिजली कंज्यूमर हैं। एक चौथाई भी घरों की छतों पर प्लांट लगाएंगे, तो कई करोड़ बिजली पैदा हो सकती है। अपील की जाती है कि सभी उपभोक्ता योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।
एमएल प्रसाद, डायरेक्टर ऑपरेशन, ऊर्जा निगम
dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive