-सीएयू ने सीएम से भेंट कर पहले ही की है ग्राउंड देने की डिमांड

-स्टेडियम की बदहाल स्थिति पर खेल मंत्री व सीएम ने फाइल की पुटअप

देहरादून, 253 करोड़ रुपये की लागत से बना रायपुर स्थित राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम को संचालन के लिए नए हाथों में सौंपने की तैयारी है। माना जा रहा है कि सीएयू (क्रिकेट एसोसिएशन उत्तराखंडड) के दावों पर मुहर लग सकती है। इसके लिए सीएम व खेल मंत्री ने फाइल पुटअप भी की है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस पर सरकार फैसला ले सकती है।

--------------

कर्मचारियों को चार महीने से सैलरी तक नहीं

जिस वक्त सरकार वे आईएलएंडएफ कंपनी के साथ राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम के संचालन को लेकर करार हुआ था। सबको उम्मीद थी कि स्टेडियम में इंटरनेशनल मैचों के अलावा आईपीएल व रणजी के मैच देखने को मिलेंगे। कुछ इंटरनेशनल मैच बांग्लादेश, अफगान व आयरलैंड के बीच हुए। गत वर्ष तक रणजी के मैच भी इसी ग्राउंड में हुए। लेकिन अब पिछले लंबे समय से इंटरनेशनल ग्राउंड की स्थिति बदहाल है। इसकी वजह, जिस कंपनी के साथ सरकार ने संचालन को लेकर करार किया था, उस कंपनी की आर्थिक हालत गड़बड़ा गई है। जिस कारण स्टेडियम का सही तरीके से संचालन भी नहीं हो पा रहा है। स्थिति ये है कि एकाध कर्मचारियों के साथ बाकी कर्मचारी या तो छोड़ चुके हैं या फिर उनकी सैलरी तक नहीं मिल पा रही है। पिच क्यूरेटर तक को गत चार महीनों से सैलरी नहीं मिल पाई है। इधर, स्पो‌र्ट्स डायरेक्टर बीके संत का कहना है कि खेल मंत्री व मुख्यमंत्री ने स्टेडियम को लेकर फाइल पुटअप की है। जल्द सरकार की ओर से ग्राउंड के नए सिरे से संचालन की उम्मीद है।

कई कंपनियों ने किया दावा

बताया जा रहा है कि इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के संचालन के लिए मुंबई की कंपनी के अलावा सीएयू ने दावा किया। लेकिन सरकार का झुकाव सीएयू की तरफ ज्यादा नजर आ रहा है। कारण, सीएयू के मुख्यालय व पदाधिकारियों की दून में ही होना है।

बदहाली पर कांग्रेस दे चुकी है धरना

स्टेडियम की बदहाली के लिए कांग्रेस ने 19 अगस्त को स्टेडियम के मेन गेट पर धरना दिया था। मांग की थी सरकार को अब तक संचालन का जिम्मा देख रही कंपनी से 30 वर्षो का करार खत्म कर नई व्यवस्था करनी चाहिए।

सीएयू किराए पर ले रहा दूसरे ग्राउंड

सीएयू का कहना है कि उनके पास स्टेडियम का अभाव होने के कारण वे निजी ग्राउंड में प्रैक्टिस व मैच कराने को मजबूर हैं। जहां 20 से लेकर 40 हजार रुपए तक का भुगतान किया जा रहा है। राजीव गांधी स्टेडियम मिलने के बाद ये धनराशि स्टेडियम की मेनटनेंस खर्च की जा सकेगी।

मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सीएयू ने स्टेडियम को सीएयू को चलाने की अनुमति देने का आग्रह किया था। जिस पर सीएम ने भरोसा दिया था। सीएयू अब तक इंतजार में है।

जोत सिंह गुनसोला, अध्यक्ष, सीएयू।

क्रिकेट स्टेडियम के बेहतर संचालन के लिए लगातार विभाग के अलावा सरकार मंथन पर जुटी है। जल्द फैसला आ जाने की उम्मीद है।

बीके संत, डायरेक्टर स्पो‌र्ट्स।

Posted By: Inextlive