पारे में उछाल के बीच उत्तराखंड में जंगल की आग विकराल होने लगी है। पर्वतीय जिलों में जंगल धधक रहे हैैं और वन विभाग की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैैं। पिछले 24 घंटे में जंगल की आग की 117 घटनाएं दर्ज की गई जिनमें 199 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा। यह इस फायर सीजन में एक दिन में सर्वाधिक घटनाएं हैैं। प्रदेश में अब तक जंगल की आग की 721 घटनाएं हो चुकी हैैं जिनमें कुल 1020 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।


देहरादून (ब्यूरो)। पहाड़ में विकराल होती जंगल की आग को देखते हुए वन विभाग ने हाई अलर्ट भी जारी किया है। सभी प्रभागीय वन अधिकारियों को अलर्ट रहने और क्रू स्टेशन से समन्वय बनाए रखने को कहा गया है। हालांकि, तमाम प्रयास के बावजूद आग पर काबू पाने में वन विभाग के हाथ-पांव फूल रहे हैैं। ऐसे में अब आग बुझाने के लिए वायु सेना की मदद लेने की तैयारी चल रही है। वहीं, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के साथ ग्रामीणों और वन पंचायतों का सहयोग भी इस काम में लिया जा रहा है।बढ़ाए जा रहे फायर वॉचर
वनों की आग और आपदा प्रबंधन के नोडल अधिकारी सीसीएफ निशांत वर्मा ने बताया कि आग पर नियंत्रण पाने के लिए फायर वॉचर की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैैं। आग के विकराल होने की स्थिति में राजस्व विभाग, पुलिस, होमगार्ड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीआरडी जवानों के साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीणों का सहयोग लिया जाएगा। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चम्पावत, नैनीताल, पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिले में तमाम स्थानों पर जंगल सुलग रहे हैैं। यहां जरूरत पडऩे पर एसडीआरएफ की मदद ली जा रही है। अगर हालात और बिगड़े तो वायु सेना की भी सहायता ली जाएगी।

Posted By: Inextlive