- राजस्थान से कारीगरों का 50 सदस्यीय दल पहुंचा सोनप्रयाग

- मंदिर से सामने व मंदिर परिसर में पठाली बिछाने का कार्य करेंगे कारीगर

RUDRAPRAYAG: राजस्थान से कारीगरों का 50 सदस्यीय दल सोनप्रयाग पहुंचा है। यह दल केदारनाथ मंदिर से सामने व मंदिर परिसर में पठाली (पहाड़ी शैली के पत्थर) बिछाने का कार्य करेगा। केदारनाथ में भारी बर्फबारी होने के चलते ये कारीगर फिलहाल सोनप्रयाग में ठहरे हुए हैं। उन्होंने यहीं पत्थरों को तलाशने का काम शुरू कर दिया है, जिन्हें घोड़े-खच्चरों के जरिए केदारनाथ पहुंचाया जाएगा। पत्थरों को तराशने के लिए मशीन भी केदारनाथ पहुंचा दी गई है।

40 हजार पठाली लगाई जाएंगी

केदारनाथ में कड़ाके की ठंड के बीच पुनर्निर्माण योजनाओं का कार्य तेजी से चल रहा है। केदारनाथ मंदिर परिसर और मंदिर से संगम तट तक के पैदल मार्ग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनाओं के अनुरूप बनाए जाने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद जिला प्रशासन ने पैदल मार्ग पर टायल्स लगाने के बजाय पहाड़ की पारंपरिक पठाली बिछाने का निर्णय लिया। केदारनाथ मंदिर परिसर से मंदाकिनी व सरस्वती नदी के संगम तक बन रहे पैदल रास्ते पर पहाड़ी शैली की 40 हजार पठाली लगाई जानी हैं। इन पत्थरों को तलाशने के लिए राजस्थान के पचास कारीगर सोनप्रयाग पहुंच चुके हैं। केदारपुरी में हुई भारी बर्फबारी के बाद उन्हें फिलहाल सोनप्रयाग में ही रोका गया है और यहीं वे पत्थर भी तलाश रहे हैं।

यात्रा शुरू होने से पहले लगा दी जाएंगी पठाली

सोनप्रयाग के पत्थर भी केदारनाथ के लिए अनुकूल हैं। इन पत्थरों को खच्चरों के माध्यम से केदारनाथ पहुंचाया जाएगा। डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि पुनर्निर्माण कार्यो में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। पठालियों का आकार एक फीट गुणा डेढ़ फीट रखा जाएगा, जो पैदल मार्ग पर सबसे ऊपर लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सोनप्रयाग से पठालियों को केदारनाथ पहुंचाने में ज्यादा धनराशि खर्च होगी, इसलिए मौसम खुलते ही कारीगरों को केदारनाथ भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि कोशिश केदारनाथ के आसपास के पत्थरों को ही उपयोग में लाने की है। ये पत्थर वहां के मौसम के अनुकूल हैं और बर्फ व शीत झेलने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा शुरू होने से पूर्व पैदल मार्ग पर पठाली लगा दी जाएंगी।

Posted By: Inextlive