- सभामंडप से किए श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के श्रृंगार दर्शन, गर्भगृह में प्रवेश की परमिशन नहीं

RUDRAPRAYAG: केदारनाथ धाम में रक्षाबंधन से पूर्व रविवार रात से शुरू हुआ अन्नकूट (भतूज) उत्सव सोमवार सुबह भंडारे के साथ संपन्न हो गया। पूरी रात मंदिर में पूजा-अर्चना का दौर चलता रहा और चौथे पहर तीन बजे से श्रद्धालुओं ने बाबा के श्रृंगार दर्शन किए। सुबह प्रसाद वितरण के बाद मंदिर में नित्य पूजाएं शुरू हो गई।

शिवलिंग की हुई पूजा-अर्चना

रक्षाबंधन से एक दिन पूर्व रविवार रात गर्भगृह में स्वयंभू शिवलिंग की पूजा-अर्चना के साथ अन्नकूट उत्सव शुरू हुआ था। मंदिर के मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग ने पूजा संपन्न करने बाद नए अनाज झगोंरा, चावल, कौंणी आदि के लेप से स्वयंभू शिवलिंग का श्रृंगार किया। तीन से चार बजे तक श्रद्धालु सभामंडप से बाबा के श्रृंगार दर्शन करते रहे। कोरोना संक्रमण के चलते उन्हें गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। ब्रह्मबेला में मुख्य पुजारी ने स्वयंभू लिंग से अनाज के लेप को हटाकर उसे स्वच्छ स्थान पर विसर्जित किया। फिर मंदिर की साफ-सफाई के बाद बाबा की नित्य पूजाएं शुरू हो गई। उधर, विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, घुणेश्वर महादेव मंदिर व कोलेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भी अन्नकूट उत्सव की धूम रही।

Posted By: Inextlive