Dehradun : पाठशाला में छात्र प्यार की पढ़ाई कर रहे हैं. जिस उम्र में उन्हें अपना ध्यान स्टडी पर केदिं्रत करना चाहिए उसमें वे प्यार के चक्कर में पढ़कर अपना फ्यूचर खराब करने पर तुले हुए हैं. सही राह पर लाने के लिए परिजन उन्हें डांट रहे हैं तो वह घर छोड़कर भाग रहे हैैं. सॉइकोलॉजिस्ट की माने तो बच्चे ऐसा कदम सही गाइडेंस न मिल पाने और हॉर्मोंस चेंज होने के कारण उठा रहे हैं.


सही गाइडेंस न मिलना भी कारण एजुकेशन हब के तौर पर पहचान रखने वाले दून में 10 से पंद्रह साल के स्कूल गोइंग बच्चे तेजी के साथ गायब हो रहे हैं। कोई स्कूल से घर नहीं लौट रहा है तो कोई ट्यूशन से। पुलिस के रिकार्ड पर नजर डाले तो पिछले दो माह के दौरान 18 बच्चे लापता चल रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर बच्चे ऐसे क्यों कर रहे हैं। साइकोलॉजिस्ट डॉ। बीना कृष्णन बताती हैैं पहले ज्वाइंट फैमली होती थी जिसमें बच्चों को पेरेंट्स के साथ साथ अन्य लोगों द्वारा समय समय पर गाइड किया जाता था। बताया जाता था कि उनके लिए क्या सही और क्या गलत, लेकिन अब ज्वाइंट फैमली का दौर समाप्त होता जा रहा है। जिस कारण बच्चों को सही गाइडेंस नहीं मिल पा रहा है। Hormones change होना भी वजह
डॉ। बीना कृष्णनन बताती हैं कि डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार बच्चों में दस साल की उम्र से ही हॉर्मोंस चेंज होने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। हालांकि कई बार देखने को मिला है कि कुछ बच्चों में यह प्रक्रिया कुछ देर बाद शुरू होती है। इस प्रक्रिया की वजह से लड़के और लड़की में एक दूसरे के प्रति खासा अट्रैक्शन पैदा होता है। जिस उम्र में बच्चे सातवीं और आठवीं क्लास में होते हैैं उस दौरान यह प्रक्रिया खासी तेजी से होती है। जिस कारण बच्चे तेजी से एक दूसरे के प्रति अट्रैक्ट होते हैं और फिर वे परिजनों की भी नहीं सुनते हैं। ऐसे में यदि उन्हें सही गाइडेंस मिल जाए तो वे गलत कदम नहीं उठाते हैैं। लेकिन सही गाइडेंस न मिल पाने के कारण वे कई बार राह से भटक जाते हैैं जो बाद में परिजनों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। कहां से कितने बच्चे हुए लापता पटेलनगर- 02डालनवाला- 02नेहरू कॉलोनी-01कैंट- 01रायपुर-01राजपुर-01वसंत विहार- 02 क्लेमनटाउन-01ऋषिकेश-06डोईवाला-01'जिस उम्र में बच्चे सातवीं और आठवीं क्लास के स्टूडेंट होते हैैं उस दौरान उनमें हॉर्मोंस चेंज होने की प्रक्रिया काफी तेजी से होती है। ऐसे वक्त में उन्हें प्यार के साथ साथ सही गाइडेंस की बहुत जरूरत होती है, लेकिन कुछ पेरेंट्स बच्चों को इस दौरान समय नहीं दे पाते हैैं। जिस कारण बच्चे राह भटक जाते हैैं.' -डॉ। बीना कृष्णन, साइकोलॉजिस्ट

Posted By: Inextlive