-बाजारों से रौनक गायब, दुकानदारों को नहीं मिल पा रहा हैं खरीदार

-सबसे बड़े मार्केट पलटन बाजार में दुकानों में छाई मायूसी

देहरादून, तीज त्योहार के साथ ही फेस्टिव सीजन शुरू हो गया है। इस बीच भले ही बाजार खुल गए हों। लेकिन, बाजारों में रौनक गायब है और खरीदार भी ढूंढे नहीं मिल पा रहा हैं। स्थिति ये है कि दुकानदार दुकानों का किराया निकाल पाने तक में भी नाकाम हो रहे हैं। तीज त्योहार पर आजकल दून के बाजारों में कुछ ऐसा ही हाल है। बमुश्किल कोरोना की सेकेंड से पार पाने के बावजूद अब व्यापारियों में थर्ड वेव की फिक्र भी सता रही है। फिलहाल, दून के प्रमुख मार्केट पलटन बाजार के व्यापारियों की मानें तो तीज जैसे त्योहार पर बाजारों में केवल 20-30 परसेंट तक का ही कारोबार हो पा रहा है।

25 हजार की सेल 3-4 हजार पर सिमटी

शायद यह पहला मौका होगा, जब तीज जैसे फेस्टिवल पर बाजार सूने हैं और कॉस्मेटिक, गारमेंट्स व फैशन हाउसेस ग्राहकों के लिए तरस गए हैं। व्यापारी इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना बताते हैं। सरकार की ओर से भले ही कोरोना कफ्र्यू में दुकानें खोलने के लिए रियायत दे दी गई हो। लेकिन, कारोबार उबरने का नाम नहीं ले रहा है। जहां गत वर्षो में फेस्टिव सीजन पर दून का सबसे बड़ा बाजार ग्राहकों से पैक रहा करता था, आजकल वैसा कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा है। व्यापारी कोरोनाकाल में महंगाई भी कारण बताते हैं। व्यापारियों का कहना है पेट्रोल-डीजल, गैस के दाम बढ़ने के साथ ही खाद्य सामग्रियों के दामों में भी उछाल है। जिस कारण लोग अन्य सामग्रियों की खरीदारी से बच रहे हैं। दून कॉस्मेटिक के ओनर मोहम्मद उमर इलाही कहते हैं कि कोरोनाकाल से पहले जहां 6 लोगों का स्टाफ था, अब महज 2 लोगों से काम चलाया जा रहा है। दुकानों का किराया भी निकल पाना मुश्किल हो गया है। पहले फेस्टिव सीजन में एवरेज सेल 20-25 हजार तक की हुआ करती थी, अब सिमट कर 3-4 हजार तक रह गई है। ग्लैमर इनोवेशन की गीतिका जैन का कहना है कि तीज फेस्टिव पर 2015-2016 में ग्रीन कलर की साडि़यों का जो कारोबार हुआ करता था, अब वह 30 परसेंट पर आ गया है। ग्राहक सोच समझकर खरीदारी कर रहे हैं। यहां तक कि व्यापारियों ने अपनी दुकानें भी सीमित कर दी हैं।

सेकेंड के बाद अब थर्ड वेव का डर बना हुआ है। व्यापारियों के अलावा ग्राहक भी डर से बाजारों में खरीदारी से बच रहे हैं। ग्राहक सेविंग पर ध्यान दे रहे हैं।

निकुंज सिंघल, ओनर, प्रभूलाल-कालूराम, पलटन बाजार।

फेस्टिव सीजन में मार्केट धीमी पड़ गए हैं। कोरोना के डर के कारण बाजारों में केवल 20-30 परसेंट तक ही कारोबार रह गया है। अब तो बाजारों में कार्यरत कर्मचारियों की सैलरी में भी छंटनी हो गई है।

फूलचंद, मैनेजर, बीएल फैशन, पलटन बाजार।

कोरोना की थर्ड व लॉकडाउन को लेकर चिंता हो रही है। पहले से ही शादी व पार्टियां में कारोबार चौपट है। हालात ये हुए हैं कि हमने स्टॉक खरीदने व कर्मचारियों की सैलरी के लिए सेविंग का सहारा भी लिया है।

मीना कुमारी, शीशमहल कंगन स्टोर, पलटन बाजार।

कोरोना के कारोबारी आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे हैं। बाजारों में खरीदारी चौपट है। पुराने स्टॉक की पेमेंट्स व कर्मचारियों की सैलरी तक के लिए टेंशन हो रही है।

सुदेश अग्रवाल, ओनर, मीनाक्षी फैशन, पलटन बाजार

कोरोना का असर ज्यादातर मिडिल क्लास परिवारों पर पड़ा है। यही वे परिवार होते हैं, जो बाजारों में खरीदारी के लिए पहुंचते हैं। ऑनलाइन शॉपिंग भी कारण है। जिस पर सरकार को पॉलिसी बनानी होगी।

गौरव गुप्ता, ओनर, बाबा कलेक्शन, पलटन बाजार

शायद कारोबार में ऐसी स्थिति कभी देखी गई होगी। 30 परसेंट तक कारोबार सिमट गया है। अब थर्ड वेव की फिक्र सता रही है। दुकानों का किराया तक नहीं निकल पा रहा है।

शान कुरैशी, कॉस्मेटिक व्यापारी

Posted By: Inextlive