देहरादून,

फीस कम करने की मांग को लेकर आंदोलनरत दून मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस स्टूडेंट्स ने ट्यूजडे को कालेज के बाहर कैंडल मार्च निकाला। 2019 व 2020 बैच के ये छात्र पिछले चार दिन से आंदोलन पर हैं। उन्होंने फीस कम न होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है।

50 हजार के बजाय अब 4.25 लाख रुपये सालाना

आंदोलित स्टूडेंट्स ने बताया कि उत्तराखंड में तीन सरकारी मेडिकल कालेजों में वर्ष 2018 तक बांड व्यवस्था थी, जिसके तहत छात्र रियायती दर पर पढ़ाई कर सकते थे। लेकिन, दो साल पहले दून और हल्द्वानी मेडिकल कालेज से बांड खत्म कर दिया गया। बांड व्यवस्था के तहत फीस 50 हजार रुपये सालाना थी, लेकिन ये व्यवस्था खत्म होने से अब उन्हें करीबन 4.25 लाख रुपये सालाना देने पड़ रहे हैं। ऐसे में राज्य के मेधावी और सामान्य घरों के बच्चों के लिए डाक्टरी की पढ़ाई मुश्किल हो गई है। कई छात्रों ने नीट पास करने के बाद सीट छोड़ दी है।

सीएम से लेकर मंत्री तक रखी बात

स्टूडेंट्स ने कहा कि अन्य राज्यों के सरकारी मेडिकल कालेजों में अधिकतम फीस 1.25 लाख तक है। ऐसे में राज्य सरकार यहां भी जल्द फीस कम करे। कहा, वह सीएम पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ्य मंत्री डा। धन सिंह रावत, आयुष मंत्री डा। हरक सिंह रावत, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी व स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी के समक्ष अपनी बात रख चुके हैं। आश्वासन सभी ने दिया, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ है। वहीं, कालेज ने उन्हें नोटिस जारी कर दिया है। कॉलेज की तरफ से कहा गया है कि सालाना फीस जमा न करने पर उन्हें क्लास व परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive