- वेडनसडे को डीएफओ दून के नेतृत्व में पहुंचे वन विभाग के कर्मचारी

- 8 पिंजरे के साथ झाझरा, मालसी व हेडक्वार्टर की टीमें मुस्तैद

देहरादून,

राजभवन में एक बार फिर से बंदरों का आतंक जारी है। राजभवन के मामले को देखते हुए वन विभाग ने बंदरों को रेस्क्यू करने के लिए एक नहीं, कई टीमें का गठन कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। बाकायदा, राजभवन के तमाम इलाकों में करीब 8 पिंजरे लगा दिए हैं। खुद वेडनसडे को डीएफओ दून ने इसकी कमान संभाली और अधिकारियों व कर्मचारियों को बंदरों के रेस्क्यू के लिए दिशा-निर्देश जारी किए।

हॉफ के निर्देश, खुद डीएफओ मौके पर

हरी-भरी वादियों के बीच स्थित राजभवन में पिछले एक-दो वर्षो से बंदरों की दस्तक जारी है। इससे पहले राजभवन में भी बंदरों की आवक रही। लेकिन वन विभाग स्पेशल रेस्क्यू अभियान शुरू कर बंदरों को रेस्क्यू कर वहां से हटाया। इसके लिए मथुरा तक से स्पेशल टीम बुलाई गई। तब दावा किया गया था अब राजभवन में सभी बंदरों को रेस्क्यू कर दिया गया है। खास बात ये रही विभाग ने पहले किए गए रेस्क्यू के दौरान अल्फा बंदर यानि बंदरों के हेड तक को रेस्क्यू कर दिया था। लेकिन एक बार फिर से राजभवन में बंदरों की दस्तक शुरू हो गए है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही वन विभाग के मुखिया हॉफ राजभवन पहुंचे थे। इस दौरान राजभवन में बंदरों की आवक की समस्या से प्रमुख वन संरक्षक को अवगत कराया गया। इसी बीच डीएफओ देहरादून राजीव धीमान वेडनसडे को खुद अधिकारियों व रेस्क्यू टीम के सदस्यों के साथ राजभवन पहुंचे। जहां उन्होंने एक नहीं, आठ पिंजरे राजभवन कैंपस में लगा दिए। बताया जा रहा है कि यहां एक नहीं, कई रेंजों जैसे मालसी, झाझरा, थानों रेंज के कर्मचारियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा वन विभाग के हेडक्वार्टर की रेस्क्यू टीम को भी स्पेशल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए लगाया गया है। राजभवन पहुंचने वालों में डीएफओ के साथ एसडीओ, आरओ भी शामिल रहे। रेस्क्यू के दौरान आने वाली दिक्कतों को देखते हुए डॉक्टरों की भी तैनाती की गई है।

दून में हर इलाकों में बंदर की दिक्कत

अकेला राजभवन नहीं, दून में ज्यादातर इलाके बंदरों के आतंक से परेशान हैं। गत वर्ष जब वन विभाग ने मथुरा से बंदरों को रेस्क्यू करने के लिए टीम बुलाई तो डीएफओ ऑफिस में फोन घनघनाने शुरू हो गए। कई इलाकों से बंदरों के आतंक से छुटकारा दिलाने की कंप्लेंस आने लगी।

Posted By: Inextlive