अपने बच्चे को डॉक्टर बनाने की होड़ में उत्तराखंड में 100 से ज्यादा लोगों ने अपने बच्चों के हाथों में डॉक्टरी की जाली डिग्री थमा दी हैं। बीएएमएस की जाली डिग्री बेचने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद ये इनपुट मिले हैैं। एसटीएफ उत्तराखंड ने जाली डिग्री गिरोह के मास्टरमाइंड को अजमेर से गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उसने उत्तराखंड में 100 से ज्यादा लोगों को जाली डिग्री देने और इस आधार पर आयुर्वेदिक डॉक्टर के रूप में रजिस्ट्रेशन करवाने की बात कही है। एसटीएफ अब ऐसे डॉक्टर्स की तलाश में जुट गई है।

देहरादून (ब्यूरो)। एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल के अनुसार कुछ महीने पहले एसटीएफ ने उत्तराखंड में प्रैेक्टिस कर रहे जाली बीएएमएस डॉक्टरों के मामले का खुलासा किया था। इस मामले में मास्टरमाइंड इमलाख पुलिस की पकडु में नहीं आ रहा था। उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। एसटीएफ की जांच में आयुर्वेदिक डॉक्टरों के फर्जीवाड़े में करीब 36 डॉक्टरों को चिन्हित किया गया था। जांच में यह बात भी सामने आई थी कि बीएएमएस की जाली डिग्री राजीव गांधी हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी कर्नाटक के नाम से बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर के मालिक इमरान और इमलाख द्वारा तैयार की गयी थी। एसटीएफ ने नेहरू कॉलोनी थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसकी जांच देहरादून एसआईटी द्वारा की जा रही है।

दो डॉक्टर पकड़े थे
एसटीएफ ने इस मामले में दो फर्जी डॉक्टरों प्रीतम सिंह और मनीष अली को गिरप्तार किया गया था। इसके अलावा बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर में दबिश देकर इमरान पुत्र इलियास निवासी शेरपुर मुजफ्फरनगर को कॉलेज से गिरप्तार किया गया था। उसके कब्जे से एसटीएफ को कई राज्यों की यूनिवर्सिटी के नाम वाली की ब्लैंक डिग्रियां, फर्जी पेपर और कई अन्य जाली दस्तावेज बरामद हुए थे।

फरार हो गया था मास्टरमाइंड
जांच के दौरान फर्जी डिग्री बनाने का मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी इमलाख का नाम सामने आया था, जो बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज का मालिक है। एसटीएफ लगातार उसकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही थी। एसटीएफ के अनुसार इमलाख मुजफ्फरनगर थाने का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है। उसने अपने भाई इमरान के साथ बरला थाना क्षेत्र मुजफ्फरनगर में बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज के नाम से मेडिकल डिग्री कॉलेज भी खोला हुआ है। वह बीफार्मा, बीए, बीएससी आदि के कोर्स चलाता है। जांच में यह भी पता चला कि इमलाख के खिलाफ जाली डिग्री दिलवाने के कई केस दर्ज हैं। उसे यूपी का सबसे बड़ा शिक्षा माफिया कहा जाता है। एफआईआर दर्ज होने के बाद इमलाख अपना मोबाइल बंद कर मुजफ्फरनगर से फरार हो गया था।

ऐसे किया गिरफ्तार
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि पहली फरवरी को एसटीएफ को सूचना मिली कि इमलाख अजमेर में छिपकर रह रहा है। सूचना मिलते ही एक टीम जयपुर के लिए रवाना हुई। टीम ने थर्सडे को मुखबिर की सूचना और टेक्निकल स्पोर्ट से इमलाख को किशनगढ़, अजमेर, राजस्थान से गिरफ्तार किया।

10वीं पास है इमलाख
सैकड़ों लोगों को जाली डिग्री देकर डॉक्टर बनाने वाला इमलाख सिर्फ 10वीं पास है। वह मुजफ्फरनगर थाना सदर का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ धोखाधड़ी, मारपीट, बलवे के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को देहरादून लाकर फर्जी आयुर्वेद डॉक्टर मामले की जांच कर रही एसआईटी को सौंप दिया गया है। इमलाख की निशादेही पर बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर से कई यूनिवर्सिटी के जाली दस्तावेज, फर्जी डिग्री, जाली स्टैंप आदि बरामद की गई है।

बड़ा शातिर है इमलाख
- उत्तराखंड में फर्जी बीएएमएस डॉक्टर्स मामले का मास्टरमाइंड है इमलाख।
- बाबा ग्रुप आफ कॉलेज का चेयरमैन इमलाख है 10वीं पास।
- मुजफ्फनगर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है आरोपी।
- एसटीएफ की हिट लिस्ट के 25वां इनामी अपराधी है इमलाख।

Posted By: Inextlive