Dehradun: इलेक्शन आते ही मेयर के साथ साथ पार्षद भी वोट के लिए गलियों के चक्कर काटते हैं. हर कोई प्रॉब्लम के निदान का वादा करता है लेकिन चुनाव निपटते ही समस्या का हल तो दूर नेताओं के दर्शन तक नहीं होते. यह शिकायत वार्ड संख्या 18 कालिका मंदिर के मतदाताओं की भी है. जहां पिछले 40 साल से मच्छी बाजार को शिफ्ट करने की मांग का स्थाई हल आज तक नहीं हो पाया है.


चालीस साल से बनी है समस्या धार्मिक स्थलों के लिए पहचान रखने वाले वार्ड संख्या 18 पर मच्छी बाजार ग्रहण लगा रहा है। तंग गली में स्थित इस बाजार में घुसते ही दुर्गंध आनी शुरू हो जाती है। वार्डवासी लंबे समय से बाजार को अन्य स्थान पर शिफ्ट करने की मांग करते आए हैं। जिसके लिए दुकानदार भी सहमत हैं, लेकिन नगर निगम द्वारा इसके लिए जगह आवंटित नहीं की जा रही है। वार्डवासियों का आरोप है कि इस समस्या के निस्तारण का वादा चुनाव आने पर मेयर के साथ साथ पार्षद प्रत्याशी करते तो जरूर हैं, लेकिन चुनाव संपन्न होते भूल जाते हैं।
'इस वार्ड में मां काली का मंदिर है, हर रोज कई श्रद्धालु मच्छी बाजार वाली गली से मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। जिस कारण श्रद्धालु खासा असहज महसूस करते हैैं। मच्छी बाजार के दुकानदारों का अहित किए बगैर अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाना चाहिए.'-ओमप्रकाश, स्थानीय निवासी 'मच्छी बाजार के दुकानदार मांस के अवशेष टुकड़े दुकान के आगे नालियां में डाल देते हैैं। यही टुकड़े बाद में सड़कर दुर्गंध पैदा करते हैैं। गर्मियों में स्थिति और भी बुरी हो जाती है। जिस कारण इस मार्केट को अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाना नितांत आवश्यक है.' -विजय गुप्ता, स्थानीय निवासी


'तंग गलियों में वाहनों की अधिकता है। सबसे अधिक दिक्कत मुर्गे और मछली से लदे वाहनों से होती है। असल में, ये वाहन मच्छी बाजार तक पहुंचने के लिए वार्ड की तंग गलियों से गुजरते हैैं और इनकी बदबू से सारा वातावरण दूषित हो जाता है। इस तरफ भी कुछ करने की जरूरत है.' -भूपेन्द्र कुमार, स्थानीय निवासी 'मछली बाजार के दुकानदार शिफ्ट होने के लिए तैयार हैैं, शर्त सिर्फ इतनी है कि उन्हें अच्छी जगह शिफ्ट किया जाए। लेकिन नगर निगम ने आज तक इस तरफ कोई ध्यान हीं दिया है। जबकि जमीन आवंटन का काम नगर निगम का है.' -प्रमोद कुमार, स्थानीय निवासी

Posted By: Inextlive