-सेंसेटिव व हाइपर सेंसेटिव स्थान किए जाएंगे चिन्हित

-271 किमी लंबी और दुर्गम मानी जाती है धार्मिक यात्रा

dehradun@inext.co.in

DEHRADUN : स्टेट की प्रसिद्ध नंदा राजजात यात्रा को लेकर सरकार ने तैयारी तेज कर दी है। इसी क्रम में स्टेट पुलिस एसडीआरएफ की टीम को यात्रा मार्ग पर रवाना करने जा रही है। टीम इस ख्7क् किमी लंबे रूट पर सेंसेटिव व हाइपर सेंसेटिव स्थानों को चिन्हित करेगी। वापस आने के बाद पूरी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंपी जाएगी जिसके बाद फोर्स डिप्लायमेंट की रुप-रेखा तैयार होगी।

अगस्त में होगा सर्वे

आपदा प्रभावित केदारवैली में बेहतर कार्य करने वाली स्टेट डिजास्टर रैपिड फोर्स को एक और अहम जिम्मेदारी दी गई है। सौ सदस्यीय टीम को अगस्त के फ‌र्स्ट मंथ में नंदा राजजात यात्रा रूट पर रवाना किया जाएगा। इस दौरान एसडीआरएफ यात्रा रूट के तमाम चुनौतियों का सर्वे करेगी। वापस आने के बाद सर्वे रिपोर्ट एसडीआरएफ के डीआईजी संजय गुंज्याल को सौंपा जाएगा, जिसका आंकलन करने के पश्चात किस स्थान पर फोर्स की तैनाती आदि का निर्णय लिया जाएगा।

पहली बार मिलेगा मौका

बीते वर्ष आई भीषण आपदा के बाद गठित एसडीआरएफ के जिम्मे केवल यात्रा रूट का सर्वे ही नहीं बल्कि, उन्हें सितंबर माह से शुरू हो रही धार्मिक यात्रा में तैनात भी किया जाएगा। डीआईजी एसडीआरएफ संजय गुंज्याल ने बताया कि सर्वे में टीम को हर छोटी-बड़ी चुनौती का बारिकी से निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। वैसे टीम के सभी सदस्य फिजिकली तौर पर सक्षम हैं, लेकिन यात्रा पर निकलने से पहले एक बार उन्हें और ट्रेंड किया जाएगा। इसके पीछे नंदा राजजात रूट के विषम परिस्थितियों को कारण बताया गया। दरअसल, राज्य में आयोजित होने वाली सभी धार्मिक यात्राओं में नंदा राजजात सबसे टफ मानी जाती है।

यात्रा शुरू होने से पूर्व एसडीआएफ की टीम नंदा राजजात यात्रा रूट पर सर्वे के लिए भेजी जाएगी। इसके बाद भी इस स्पेशल फोर्स को यात्रा के दौरान ड्यूटी भी करनी है।

-संजय गुंज्याल, डीआईजी, एसडीआरएफ।

Posted By: Inextlive