- अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में पहले दिन ट्यूजडे को सचिव सम्मेलन

- लोकसभा अध्यक्ष, 17 प्रदेशों की विधानसभा के अध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति, उपसभापति व सचिव करेंगे शिरकत

देहरादून,

राज्य में पहली बार आयोजित हो रहे पीठासीन अधिकारियों के अखिल भारतीय सम्मेलन का आज आगाज होगा। सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष, राज्य सभा के उपसभापति के अलावा 17 राज्यों की विधान सभाओं के अध्यक्ष, 12 उपाध्यक्ष, विधान परिषदों के 5 सभापति व 1 उपसभापति सहित कुल 21 सचिव सम्मेलन में पार्टिसिपेट करेंगे। इधर सम्मेलन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आईजी गढ़वाल अजय रौतेला ने आयोजन स्थल का टीम के साथ इंस्पेक्शन किया वहीं डीएम सी रविशंकर ने आयोजन के दौरान ड्यूटी पर तैनात रहने वाले मजिस्ट्रेट, लाइजनिंग ऑफिसर व विभागीय अफसरों की मीटिंग ली और डायरेक्शंस दिए।

सचिव सम्मेलन से शुरुआत

मंडे को पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन को लेकर विधानसभा स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने ब्रीफ करते हुए बताया कि ट्यूजडे को सम्मेलन की शुरुआत सचिवों के बीच वार्ता होगी। जिसमें लोक सभा व राज्य सभा के महासचिव भाग लेंगे। वेडनसडे 18 दिसंबर को पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन सुबह साढ़े नौ बजे लोकसभा अध्यक्ष की मौजूदगी में होगा। वे सम्मेलन के सभापति भी हैं। लोकसभा अध्यक्ष उत्तराखंड विधान सभा द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का इनॉग्रेशन भी करेंगे। इसके बाद ठीक सुबह दस बजे दीप प्रज्ज्वलन के साथ सम्मेलन का इनॉग्रेशन होगा। इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पीठासीन अधिकारियों को सम्बोधित करेंगे। विधानसभा उपाध्यक्ष की ओर से धन्यवाद सम्बोधन होगा।

संसदीय लोकतंत्र पर होगी चर्चा

सम्मेलन में दो बिंदुओं पर चर्चा होगी। जिसमें संविधान की 10वीं अनुसूची व अध्यक्ष की भूमिका, दल परिवर्तन के आधार पर संसद या राज्य विधान मंडलों के सदस्यों को अयोग्य ठहराने के बारे में किये गये उपबंधों पर चर्चा होगी। जबकि जीरो ऑवर सहित सभा के अन्य साधनों के माध्यम से संसदीय लोकतंत्र का सुधरीकरण एवं क्षमता निर्माण पर चर्चा होगी। शाम पांच बजे पहले दिन की कार्यवाही संपन्न होगी। शाम सात बजे कल्चरल प्रोग्राम्स आयोजित होंगे।

19 की शाम ऋषिकेश विजिट

विधानसभा स्पीकर ने बताया कि 19 दिसंबर को सुबह साढ़े नौ बजे से सम्मेलन के तहत चर्चा होगी, लंच के बाद चर्चा समाप्त की जाएगी। समापन सत्र को उत्तराखंड की राज्यपाल संबोधित करेंगी। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष तीन बजे प्रेस को ब्रीफ करेंगे। इसके बाद सभी स्टेट्स से आए गेस्ट्स ऋषिकेश विजिट के लिए रवाना होंगे। डोईवाला में रिफ्रेशमेंट की व्यवस्था होगी। जबकि, ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट पर सांयकालीन गंगा आरती, भजन संध्या में गेस्ट शिरकत करेंगे। मेहमानों को ऋषिकेश के धार्मिक स्थलों की भी विजिट कराई जाएगी।

लोक संस्कृति से रूबरू होंगे गेस्ट

सम्मेलन में शिरकत करने वाले गेस्ट उत्तराखंड के उदय से लेकर अब तक के सफर और राज्य की लोक कला संस्कृति से रूबरू होंगे। विधानसभा स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि अतिथि देवो भव: उत्तराखंड की परंपरा है। इसी के अनुरूप सभी गेस्ट का वेलकम किया जाएगा। बदले में राज्य के बुनकरों द्वारा तैयार मफलर गिफ्ट दिए जाएंगे।

17 व 18 को कल्चरल नाइट

सम्मेलन स्थल पर 17 व 18 दिसंबर को कल्चरल नाइट का आयोजन होगा। जबकि छोलिया नृत्य के जरिए सभी गेस्ट का वेलकम किया जाएगा। डोईवाला में मेहमान जौनसारी नृत्य और ऋषिकेश में गढ़वाली नृत्य व श्री नंदा राजजात की प्रस्तुति का आनंद लेंगे।

नॉन वेज नहीं, उत्तराखंडी व्यंजन परोसे जाएंगे

गेस्ट की मेहमाननवाजी उत्तराखंड के व्यंजनों से की जाएगी। उन्हें उत्तराखंड के व्यंजन परोसे जाएंगे। मैन्यु में नॉनवेज शामिल नहीं रहेगा। आयोजन स्थल पर एग्जिबिशन का आयोजन होगा। जिसके जरिए उत्तराखंड के प्रोडक्ट प्रदर्शित करने के अलावा सेल किए जाएंगे।

Posted By: Inextlive