ओवर स्पीड को कंट्रोल करने के लिए वर्तमान में आरटीओ की ओर से चार इंटरसेप्टर स्पीड रडार गन की हेल्प ली जा रही है। आशारोड़ी एफआरआई एनआईवीएच नंदा की चौकी मोहकमपुर जैसे इलाके कैमरों की नजर में हैं। इधर आरटीओ ने अब वाहनों की स्पीड कंट्रोल के लिए तहसील लेवल पर एनफोर्समेंट टीम तैनात करने प्रमुख स्थानों पर स्म्बल स्ट्रीप लगाने कई जंक्शन पर ट्रैफिक कामिंग मीजर्स पब्लिक अवेयरनेस व नए रूट्स पर स्पीड कंट्रोल करने की तैयारियां की है।

- रोड एक्सीडेंट्स में 56 परसेंट का कारण ओवर स्पीड
- ओवर स्पीड को रोकने के लिए लगाए जाएंगे एसएलवीडी कैमरे

देहरादून (ब्यूरो):
आए दिन रोड एक्सीडेंट्स के मामले सामने आना अब आम हो गया है, ओवर स्पीड इसकी सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है। इसे देखते हुए अब ओवर स्पीड पर लगाम लगाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए आरटीओ दून ने एसएलवीडी (स्पीड लिमिट वॉयलेशन डिटेक्टर) कैमरों की मदद लेने का निर्णय लिया है। बाकायदा, इसके लिए दून सिटी के पांच एरियाज भी चिन्हित किए गए हैं। आरटीओ को उम्मीद है कि इन कैमरों की निगहबानी से रफ्तार में वाहनों को भगाने वाले पकड़ में आ जायेंगे और उनके खिलाफ एक्शन लिया जा सकेगा।

इस वर्ष ओवर स्पीड में 5643 चालान
आरटीओ दून के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2021 में जहां आरटीओ के दून रीजन में ओवरस्पीड के 3091 चालान हुए थे। वहीं इस वर्ष अब तक इनकी संख्या में तीन गुना इजाफा हुआ है। इस प्रकार से 10533 ओवर स्पीड के चालान हुए हैं। ऐसे ही अकेले दून में पिछले वर्ष 1736 और इस वर्ष 5643 चालान हुए हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि वाहनों की रफ्तार किस कदर बढ़ रही है, जो रोड सेफ्टी के लिए ठीक नहीं है।

260 हादसे ओवर स्पीड के कारण
सिटी में अब तक बीते 11 माह में 363 रोड एक्सीडेंट हुए हैं। इनमें 139 लोगों की असमय मृत्यु हुई है। जिसमें सबसे ज्यादा एक्सीडेंट तेज रफ्तार गाड़ी चलाने वाले रहे। 260 वाहन दुर्घटनायें तेज रफ्तार के कारण हुई है। जिसमें 100 लोगों की मृत्यु हुई है।

इन इलाकों में है एसएलवीडी की प्लानिंग
हरिद्वार रोड
राजपुर रोड
रायपुर रोड
चकराता रोड
सहारनपुर रोड

दून में कहां कितनी स्पीड लिमिट
मार्ग का नाम - दुपहिया- तिपहिया- भारी वाहन
आरटीअओ से डायवर्जन - 40 - 50 - 40
डायवर्जन से मसूरी- 30 -40 - 30
कुठालगेट से राजपुर रोड- 30 -40- 30
सहस्त्रधारा क्रॉसिग से राजपुर रोड- 30 - 40 -30
सहस्त्रधारा से मसूरी बाईपास- 30-40 -30
जोगीवाला से हरिद्वार रोड - 40-50 -40
रिस्पना से सहानरपुर बाईपास- 40 -50 -40
सहारनपुर चौक से पटेलनगर - 40 -50 -40
पटेलनगर से सहारनपुर रोड - 40-50 -40
घटांघर से चकराता रोड- 30-40 -30
बिंदाल से बल्लुपुर चौक- 40-50-30
बल्लुपुर चौक प्रेमनगर- 40- 50 -40
प्रेमनगर से विकासनगर - 50-50-40
विकासनगर से कालसी- 40-50-40
कालसी से चकराता- 30 -40 -30

ओवर स्पीड ये होते है प्रभाव
ओवर स्पीड से एक्सीडेंट का जोखिम व चोट की लगने के साथ भारी नुकसान होता है। जब ओवर स्पीड से वाहन चलाने पर आकस्मिक स्थित में फैसला लेने का समय नहीं मिल पाता और एक्सीडेंट हो जाता है। सर्वे में आया है कि 58 परसेंट एक्सीडेंट ओवर स्पीडिंग के कारण होते हैं।

दो सालो में ओवरस्पीडिंग के चालान
जिला - 2021 -2022
देहरादून - 1736 -5643
हरिद्वार - 1216 - 4740
टिहरी - 107 - 44
उत्तरकाशी - 32 - 106
कुल - 3091 - 10533

सर्वे में एक्सीडेंट के कारण
कारण - कुल एक्सीडेंट (परसेंट)
ओवरस्पीड - 55.9
डेंजर्स ड्रांइविंग - 27.5
वेदर कंडिशन - 3.5
ड्रिंक एंड ड्राइविंग - 1.3
अन्य कारण - 9.9

पकड़े गए तो मोटा चालान
न्यू एमवी एक्ट के प्रावधान के अनुसार ओवर स्पीड से गाड़ी चलाते मिलने पर जुर्माना के साथ 3 माह के लिए लाइसेंस भी सस्पेंड किया जा सकता है। धारा 183 के तहत प्राइवेट वाहनों के लिए ओवरस्पीड करते हुए पाए जाने पर 2000 रुपये का जुर्माना जबकि बड़े कॉमर्शियल वाहनों पर 4000 रुपये का जुर्माना है।

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सिटी में अलग-अलग एरिया में स्पीड कंट्रोल कर कैसे एक्सीडेंट को कंट्रोल किया जा सके। इसके लिए तैयारी की जा रही है। एसएलवीडी की सहायता से अब नजर रखी जाएगी।
शैलेन्द्र तिवारी, आरटीओ एनफोर्समेंट देहरादून
dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive