दावा था कि परेड ग्राउंड को दिल्ली के राजपथ की तरह विकसित किया जाएगा। लेकिन अब तो हर जुबां पर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर परेड ग्राउंड कब तक नए लुक में नजर आएगा। देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड डीएससीएल कब तक ग्राउंड के ब्यूटिफिकेशन का टारगेट पूरा करेगा कहा नहीं जा सकता। परेड ग्राउंड ब्यूटीफिकेशन की डेडलाइन 2021 थी जो बीतने को है। अब बताया जा रहा है कि मार्च 2022 तक काम पूरा हो पाएगा। परेड ग्राउंड बंद होने के कारण यहां आयोजित होने वाले मेले व अन्य कार्यक्रमों के लिए आयोजकों की परेड हो रही है।

देहरादून (ब्यूरो)। 23.63 करोड़ रुपए की लागत से वर्ष 2019 से परेड ग्राउंड के ब्यूटिफिकेशन पर डीएससीएल का काम जारी है। काम कछुआ चाल से चल रहा है और कब पूरा होगा कहा नहीं जा सकता। दून का यह वही मैदान है, जहां कोरोनाकाल से पहले तक हर सीजन में तमाम कार्यक्रम आयोजित होते थे। दूनाइट्स सिटी की तरफ आते थे तो एक बार ग्राउंड तक जरूर पहुंचते थे। यहां सरकारी विभागों से लेकर गैर सरकारी विभागों के मेलों के आयोजन हुआ करते थे। विंटर सीजन में तो खादी मेला, नेशनल हैंडलूम एक्सपो, सरस मेले जैसे आयोजनों का इंतजार होता था। उद्योग विभाग की ओर से सरकारी मेले आयोजित होते थे। जहां देशभर के राज्यों से कारीगर अपनी प्रतिभा के हुनर का प्रदर्शन करते थे और दूनाइट्स खरीदारी। परेड ग्राउंड से हर वर्ष करोड़ों का कारोबार हुआ करता था। लेकिन, फिलहार अंडर कंस्ट्रक्शन की वजह से सब कुछ ठंठे बस्ते में है।

परेड ग्राउंड पर एक नजर
-दून का परेड ग्राउंड सबसे पुराना मैदान
-क्लॉक टावर से करीब 500 मीटर की दूरी पर स्थित।
-ग्राउंड में होते थे स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस जैसे समारोह।
-पीएम, सीएम व पॉलिटिकल पार्टियों की जनसभाएं होती थीं।
-दशहरा व अन्य मेलों के लिए भी प्रमुख स्थान रहा।


32 साल पहले खेल विभाग को हैैंडओवर
9 दिसंबर 1981 को यूपी सरकार में अनु सचिव सत्य कुमार वर्मा ने डीएम देहरादून को पत्र लिखा था कि पूर्वी परेड ग्राउंड पर स्टेडियम, बहुउद्देशीय हाल व स्विमिंग पूल के लिए खेल विभाग को हस्तांतरित किया जाए। इसके बाद 7 अप्रैल 1989 को यानि 32 वर्ष पहले उत्तर प्रदेश के शासनकाल में तत्कालीन संयुक्त सचिव शंकर अग्रवाल ने एमडीडीए को परेड ग्राउंड खेल विभाग को निशुल्क ट्रांसफर करने के लिए पत्र लिखा था।

यह व्यवस्था की गई थी
-नजूल भूमि संख्या 285 रकबा 24241 वर्गमीटर।
-भूमि पर लगे पेड़ों की कीमत सरकारी खजाने में होगी जमा।
-भूमि का प्रयोग खेलों के लिए होगा।
-भूमि के विभाजन व हस्तांतरण का अधिकार नहीं होगा।
-भूमि का उक्त प्रयोजन न होने पर स्वतः नजूल में होगी ट्रांसफर।

स्मार्ट सिटी के ये थे दावे
-परेड ग्राउंड ब्यूटिफिकेशन की लागत 23.63 करोड़ रुपए।
-परेड ग्राउंड में ग्रीनरी की जाएगी डेवलेप।
-ग्राउंड में होगा साइकल ट्रैक का निर्माण।
-दुकानों का निर्माण होगा।
-आमजन के बैठने के लिए बेंच के इंतजाम।
-मैदान में स्मार्ट टॉयलेट का निर्माण।
-ग्राउंड में वाटर एटीएम भी होंगे।
-वीआईपी स्टेज का भी निर्माण होगा।
-ग्राउंड के चारों ओर वॉकिंग ट्रैक भी होगा।
-20 से 25 हजार लोगों की क्षमता वाला होगा परेड ग्राउंड
-14वीं एडवाइजरी फोरम की बैठक में हुआ था तय, 26 जनवरी 2021 तक होगा पूरा काम।

हरियाली को भी मिली मंजूरी
-बीती जुलाई में वर्षों पुराने पेड़ों को उखाड़ने की मिली मंजूरी।
-इन पेड़ों की संख्या 21 से अधिक रही।
-वन विभाग ने पेड़ों को ट्रांसप्लांट की दी अनुमति।
-पेड़ कटने के बाद सच्चाई सोशल मीडिया पर हुई वायरल।
-माना जा रहा है अभी कुछ यूकेलिप्टस के भी कटेंगे पेड़।

ये काम पूरे
-स्टेज बनकर तैयार।
-टाइल्स का काम पूरा।
-फुटपाथ हुआ तैयार।
-मार्च 2022 तक डेडलाइन।

ज्यादातर काम अधूरे
-मल्टीयूटिलिटी डक्ट ढकने का काम बाकी।
-रेन वाटर हार्वेस्टिंग कवर्ड होना बाकी।
-बाउंड्रीवाल का काम शेष।
-साइकिलिंग ट्रैक अधूरा।

गांधी पार्क रूट बंदी पर फैसला नहीं
शुरुआत में तिब्बती मार्केट से कनक चौक तक सड़क बंद कर साइकिलिंग ट्रैक का जिक्र था। लेकिन, अब यह मसला अधर में है। डीएससीएल के अनुसार इस पर सहमति मिलनी बाकी है।

2019 में स्मार्ट सिटी को ग्राउंड ट्रांसफर
स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की ओर से 2 सितंबर 2019 को नजूल भूखंड संख्या 285 परेड ग्राउंड 8.49 एकड़ भूमि को आवास विभाग के अधीन स्मार्ट सिटी को ट्रांसफर किए जाने की मंजूरी मिली थी।

Posted By: Inextlive