- कोरोना से रिकवर हुए तीन पेशेंट ने डोनेट किया प्लाज्मा

- एक यूनिट प्लाज्मा से दो पेशेंट्स को मिलेगा लाभ

देहरादून,

कोरोना से बचाव के लिए दून में प्लाज्मा थैरेपी की शुरुआत कर दी गई है। ऋषिकेश स्थित एम्स में कॉनवेल्सेंट प्लाज्मा थैरेपी के जरिए कोरोना पेशेंट्स का इलाज शुरू कर दिया गया है। इस थैरेपी के शुरू होने से कोविड-19 को हरा चुके पेशेंट दूसरे पॉजिटिव पेशेंट्स की लाइफ सेविंग के लिए अहम है। उत्तराखंड में इस थैरेपी को पहली बार इंट्रोड्यूस किया गया है, जल्द ही दून हॉस्पिटल में भी प्लाज्मा थैरेपी की शुरुआत की जाएगी।

3 यूनिट प्लाज्मा कलेक्ट

इसी माह एक अगस्त को ठीक हुए तीन कोविड पेशेंट्स का ब्लड प्लाज्मा कलेक्ट किया गया था। इसे दूसरे पॉजिटिव पेशेंट्स का इलाज किया जा सकेगा। एक यूनिट प्लाज्मा से दो कोविड पेशेंट्स को लाभ मिलेगा।

ठीक हो चुके पेशेंट करेंगे प्लाज्मा डोनर

कोरोना के ट्रीटमेंट में प्लाज्मा थैरेपी को काफी इफेक्टिव माना गया है। इसके लिए कोरोना की जंग जीत चुके पेशेट्स ही प्लाज्मा डोनर बन पाएंगे। इबोला और सार्स इन्फेक्शन के दौरान भी प्लाज्मा थैरेपी काफी कारगर साबित हुई है। कोरोना से रिकवर पेशेंट्स के शरीर में बने एंटीबॉडी डेवलप हो जाती है। ये एंटीबॉडीज ब्लड प्लाज्मा के जरिये इन्फेक्टेड पेशेंट्स के ब्लड में इंसर्ट किया जाता है, इससे उसे इन्फेक्शन से लड़ने में सहायता मिलती है।

हमारी ओर से हर रिकवर पेशेंट से प्लाज्मा डोनेशन की अपील की जा रही है। इससे दूसरे इन्फेक्टेड केसेज में हेल्प मिलेगी और उनकी लाइफ सेविंग के लिए ये कारगर थैरेपी होगी।

- रवि कांत, डायरेक्टर, एम्स।

कोरोना से रिकवर पेशेंट रिपोर्ट निगेटिव आने के 28 दिन बाद प्लाज्मा डोनेट कर सकता है। फिर प्लाज्मा में एंटीबॉडीज का टेस्ट किए जाएगा। ये एंटीबॉडीज युक्त प्लाज्मा इन्फेक्टेड पेशेंट के ब्लड में इंसर्ट किया जाएगा।

- डॉ। गीता नेगी, एचओडी, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन एंड ब्लड बैंक

दून हॉस्पिटल में थैरेपी जल्द

दून हॉस्पिटल में भी जल्द ही प्लाज्मा थैरेपी शुरू की जाएगी। हॉस्पिटल के डिप्टी एमएस डॉ। एनएस खत्री ने बताया कि इसके लिए वर्कआउट किया जा रहा है। इसके लिए मशीनें इंस्टॉल की गई हैं। जल्द ही थैरेपी शुरू की जाएगी।

Posted By: Inextlive