भाई जी, 500 रुपये के खुले दे दो..
खुले पैसों के लिए परेशान रहा आम आदमी, लेकिन चेहरे पर दिखी रंगत
-बुधवार को बाजार में कारोबार हुआ चौपट -500 और 1000 के छुट्टे देने को कोई राजी नहीं -आम जरूरत का सामान तक नहीं लिया लोगों ने एंट्रो देहरादून500 और 1000 हजार रुपये के नोट बंद होने से बुधवार को बाजार में हाहाकार मच गया। हर कोई 100 रुपये के लिए लालायित था। जहां देखो, वहीं लोग 500 के खुले मांग रहे थे। ग्राहक से लेकर व्यापारी तक हर कोई परेशान। लोग सब्जी तक नहीं ले पाए। जो व्यापारी रोज हजारों का कारोबार करते थे वो मायूस बैठे रहे। आम लोग जरूरत का सामान भी नहीं खरीद सके। वजह, बस खुले पैसे। 500-1000 के नोट लेने को कोई राजी नहीं। आम लोग कहते रहे कि एक दिन और निकल जाए तो नोट बदले जाएं। व्यापारी कहते रहे कि निकल गया एक ही दिन में दम।
प्वाइंटर -निजी अस्पतालों ने किया 500-1000 के नोट लेने से इनकार -निजी अस्पतालों ने तीमारदारों से मांगे चेक -सरकारी अस्पतालों में भी खुले रुपयों का टोटा, नहीं कटी पर्चियां -पेट्रोल पंप्स पर नहीं दिया गया 500-1000 रुपये से कम का तेल-रेस्टोरेंट और ढाबों में खाना खाने वालों से पहले मांगे गए खुले पैसे
-दून से बाहर जाने वाली बसों में पहले मांगे खुले पैसे, फिर मिला टिकट -सब्जी वालों ने भी किया बड़े नोट लेने से इनकार -शराब तक की दुकानों पर लग पोस्टर-कृपया खुले पैसे दें