- जांच के लिए बनाई गई 3 टीमें, दिल्ली, कोटद्वार, हरिद्वार में टीमें चलाएंगी अभियान

- एंटीबायोटिक इंजेक्शन का लेबल हटाकर उस पर रेमडेसिविर का लेबल कर देते थे चस्पा

- पुलिस ने विभिन्न कंपनी की दवाओं के रैपर और बिना लेबल के इंजेक्शन किए बरामद

देहरादून,

नकली रेमडेसिविर बेचने के मामले में दिल्ली और उत्तराखंड पुलिस ने ज्वाइंट एक्शन में उत्तराखंड के दो आरोपियों सहित पांच लोगों को अरेस्ट किया है। उनके कब्जे से पुलिस ने कई कंपनी की दवाओं के रैपर और बिना लेबल के इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। मामले की जांच के लिए तीन टीमें गठित की गई हैं।

दिल्ली पुलिस को मिला सुराग

एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि 23 अप्रैल को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली से मोहम्मद शोएब खान, मनीष गोयल व मोहन कुमार झा को कुछ नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचते हुए अरेस्ट किया था। पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद 27 अप्रैल को दिल्ली क्राइम ब्रांच की एक टीम ने हरिद्वार के रानीपुर क्षेत्र में वतन सैनी के घर पर दबिश दी। आरोपी हरिद्वार में टिहरी विस्थापित कॉलोनी में रहता है। पुलिस ने उसके घर से विभिन्न कंपनियों के दवाओं के रैपर और कुछ बिना लेबल के इंजेक्शन बरामद किए। पुलिस वतन सैनी और उसकी पत्नी अर्पिता को हिरासत में लेकर दिल्ली चली गई। बाद में वतन सैनी को अरेस्ट कर लिया गया, जबकि उसकी पत्नी को छोड़ दिया। आरोपियों से पूछताछ में दिल्ली पुलिस को पता चला कि गिरोह में आदित्य गौतम नाम का व्यक्ति भी शामिल है। गौतम हरिद्वार के नारसन का रहने वाला है और उसने कोटद्वार में नेक्टर ह‌र्ब्स एंड ड्रग फार्मा नाम की एक कंपनी लीज पर ले रखी है। एसएसपी के अनुसार दिल्ली पुलिस टीम ने आदित्य को मेरठ से दबोचा। शुक्रवार को उत्तराखंड पुलिस और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम आदित्य गौतम को लेकर कोटद्वार पहुंची और नेक्टर फार्मा की तलाशी ली। इस दौरान पुलिस टीम को पता चला कि 6 महीने से आदित्य गौतम ऑफिस नहीं आ रहा था। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक कंपनी में तलाशी के दौरान कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए एसटीएफ की तीन टीमें बनाई गई हैं, जिन्हें दिल्ली, कोटद्वार और हरिद्वार भेजा जा रहा है।

नकली लेबल का खेल

एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी एंटीबायोटिक इंजेक्शन का लेबल हटाकर उस पर रेमडेसिविर का लेबल चिपका देते थे। फिर ये लोग उन्हें जरूरतमंदों को मनमाने रेट पर बेचते थे। आदित्य गौतम ने पुलिस को बताया कि उसने घर पर ही कंप्यूटर से रेमडेसिविर का फर्जी लेबल डिजाइन किया था और रुड़की में एक प्रिटिंग प्रेस में काम करने वाले बैजू नामक व्यक्ति से इन्हें छपवाता था। एसएसपी ने बताया कि पुलिस बैजू के घर पहुंची तो पता चला कि वह कोरोना संक्रमित है। ऐसे में पुलिस अभी उसके बयान नहीं ले पाई है। एसएसपी ने बताया कि अब तक इंजेक्शन बनाने की बात सामने नहीं आई है।

दिल्ली क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में अब तक सात आरोपी

-मनोज कुमार झा, निवासी फरीदाबाद

-शोएब खान, निवासी नई दिल्ली

-मनीष गोयल, निवासी नई दिल्ली

-साधना शर्मा, निवासी दिल्ली

-पुष्कर फाखले, निवासी महाराष्ट्र

-आदित्य गौतम, निवासी हरिद्वार

-वतन कुमार सैनी, हरिद्वार

मामले की जांच के लिए तीन टीमें बनाई गई हैं। जो इनपुट मिले हैं, उन पर काम किया जा रहा है।

-अजय सिंह, एसएसपी, एसटीएफ

Posted By: Inextlive