जल संस्थान के ट्यूबवैल लाल पानी उगल रहे हैैं। लम्बे समय से मेंटेनेंस की कमी कहिए या फिर लापरवाही जो स्थानीय लोगों को इस तरह का गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। यहीं नहीं कई-कई सालों से ट्यूबवैलों की सफाई तक नहीं हो पा रही है। हालत यह है कि जल संस्थान के ट्यूबवैल की हालत भी इन दिनों खस्ताहाल स्थिति में है। कई वाटर सोर्स ऐसे है जहां से पानी की पाइप लाइन टूटने के कारण कई-कई दिनों तक रिपेयर नहीं हो पा रहे। जिससे लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।

देहरादून (ब्यूरो)। जल संस्थान के कई जगह ट्यूबवैल बहुत ही खराब हालत में है। शहर में जहां-जहां ट्यूबवैल लगे है वहां लंबी-लंबी घास उगी हुई है। कई जगह ट्यूबवैल में की छत तो खंडहर से भी खराब हालत में बने हुए हैं। कई ट्यूबवैल में तो जंग तक लग गए है। ऐसे में यहां की भी साफ-सफाई मेंटेन करना मुश्किल हो गया है।

मिट्टी भी पानी के साथ
आईटीपार्क के पास एक गांव में लगे नलकूप के पानी से मिट्टी ज्यादा मात्रा में आ रही जिससे घरों में पहुंचने वाला पानी लाल आ रहा है। जल संस्थान के कर्मचारियों के अनुसार यह ग्रामीण क्षेत्र में होने के कारण इसकी व्यवस्था दुरुस्त नहंीं हो पा रही थी। अब एस्टीमेट बनाकर दे दिया गया है।

ट्यूबवैल के आस-पास उगी लंबी घास
जल संस्थान इन ट्यूबवैल व नलकूपों के रखरखाव का ध्यान नहीं रखने का का नतीजा है कि इनके आस-पास लम्बी घास उग गई है। जैसे यहां लम्बे समय से कोई आया ही नहीं। जैसे तैसे घास को हटाकर इंजीनियर ने यहां पहुुंचकर ट्यूबवैल की मेंटेनेंस की।

कोई खुले आसमान के नीचे तो किसी की छत टूटी
जल संस्थान के कई ट्यूबवैल खुले आसमान के नीचे रखे हुए हैं तो कई ट्यूबवैल की छत तक टूटी हुई है। जिससे इन ट्यूबवैल में जंग तक लग चुकी है। ठीक ट्यूबवैल के ऊपर छत टूटी होने के कारण बारिश से यह ट्यूबवैल को रखने की जगह नहीं मिल रही।

Posted By: Inextlive