- कोरोना से रिकवर हुए पेशेंट्स को आ रही थीं दिक्कतें

- पोस्ट कोविड डिप्रेशन से जूझ रहे पेशेंट्स को मिलेगी राहत

देहरादून

कोरोना संक्रमित कुछ पेशेंट्स रिकवर होने के बाद भी कई तरह की प्रॉब्लम्स का सामना कर रहे हैं। थकान, सांस फूलने और डिप्रेशन की प्रॉब्लम पेशेंट्स में देखी जा रही है। ऐसे में लगातार डॉक्टर्स से कंसल्ट करने के लिए पेशेंट्स दून हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। इसे देखते हुए अब दून हॉस्पिटल में पोस्ट कोविड ओपीडी भी शुरू करने की प्लानिंग है।

इसी हफ्ते हो सकती है शुरुआत

दून हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। आशुतोष सयाना ने बताया कि इस संबंध में अफसरों एवं डाक्टरों से मंथन किया गया है। नई ओपीडी बिल्डिंग में इसकी व्यवस्था की जा रही है। ताकि लोग को समय पर उपचार मिल सके। पुरानी बिल्डिंग में केवल कोविड मरीजों को बुलाया जा रहा है। उम्मीद है इसी सप्ताह ओपीडी शुरू हो जाए। मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ। नारायणजीत सिंह ने बताया कि रिकवरी रेट लगातार बढ़ रहा है। यह बात सामने आ रही है कि एक बार कोरोना होने के बाद संबंधित व्यक्ति के शरीर पर इसका लंबा असर रहता है। उन मरीजों को ज्यादा दिक्कत होती है, जिनमें लक्षण होते हैं। लोगों में सिर दर्द, मानसिक तनाव और चिड़चिड़ापन हो रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत कमजोरी और कुछ देर चलने के बाद सांस फूलने की आ रही है। ये दिक्कतें उनको होती हैं, जिन्हें या तो ऑक्सीजन पर रखा गया या वेंटीलेटर सपोर्ट पर। ऐसे मरीज लगातार संपर्क कर सलाह ले रहे हैं।

स्वस्थ होने के बाद भी एहतियात जरूरी

भले ही ज्यादातर कोरोना मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से घर जा रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि हर किसी मरीज के शरीर में वायरस से लड़ने के लिए पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं बन पाते। इसलिए अस्पताल से जाने के बाद भी उन्हें एहतियात बरतनी चाहिए। डॉ। सयाना का कहना है कि जो व्यक्ति कोरोना से स्वस्थ हो गए हैं, उन्हें शारीरिक दूरी रखना, मास्क पहनना और खानपान जैसे नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। वह यह न सोचें कि अस्पताल से स्वस्थ होकर वह घर आ चुके हैं तो कोरोना अब उनको दोबारा नहीं होगा। सुपाच्य भोजन लेना और उसके साथ-साथ सांस संबंधी एक्सरसाइज, योग आदि करना जरूरी है।

Posted By: Inextlive