सूचना अधिकार अधिनियम-2005 आरटीआई लोगों के लिए बड़ा हथियार बन गया है. आज हर व्यक्ति को आरटीआई की जानकारी ही नहीं है बल्कि लोग आरटीआई में जानकारियां हासिल करने में भी पीछे नहीं हैं. यूं तो आरटीआई के दुरुपयोग के मामले भी समय-समय पर सामने आते रहे हैं.

- आरटीआई के तहत 11.90 लाख लोग कर चुके हैं अब तक आवेदन
- मांगी गई सूचनाओं से विभागों में घपले-घोटाले भी हो रहे उजागर

देहरादून, (ब्यूरो): इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि आरटीआई लोगों के लिए मददगार भी साबित हो रहा है। वर्षों पुरानी सूचनाएं आसानी से लोगों को मिल जा रही हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में राज्य सूचना आयोग के गठन से लेकर अब तक 18 साल में विभिन्न विभागों के लोक सूचना अधिकारियों के पास 11.90 लाख लोगों ने सूचना लेने के लिए आवेदन किया है। बड़ी बात यह यह है कि 10.80 लाख लोग सूचना मिलने से संतुष्ट भी हुए हैं। इसमें से केवल 1.10 लाख आवेदनकर्ताओं ने ही प्रथम विभागीय अपील के लिए आवेदन किया है।

90 परसेंट सूचनाएं निस्तारित
राज्य सूचना आयोग ने अब तक करीब 85 परसेंट मामले निस्तारित कर दिए हैं। वर्ष 2022-23 में 71729 आवेदनों में से 63639 आवेदन निस्तारित किए गए हैं। आयोग का कहना है कि त्वरित गति से अपीलों का निस्तारण किया जा रहा है।

इन विभागों की सबसे ज्यादा सूचनाएं
राजस्व 10872
गृह 7837
शहरी विकास 5308
शिक्षा 5327
वन 4878

सूचना मांगने में दून सबसे आगे
राज्य में सबसे ज्यादा सूचना मांगने वाला देहरादून जिला है। राज्य सूचना आयोग में लगाई गई अपीलों का करीब 37 परसेंट अपील दून की हैं। प्रदेश में दून सबसे ज्यादा आरटीआई लगाने वाला जिला है। इसके बाद हरिद्वार में 12 और यूएसनगर में 11 परसेंट लोग सूचना आयोग में अपील को पहुंचे हैं।

कई घपले-घोटाले उजागर
आरटीआई के तहत मिली सूचनाओं से कई घपले-घोटाले भी उजागर हुए हैं। कइ बार देखा गया कि इस तरह की सूचना देने में विभागीय अधिकारी भी सूचना देने में कतराते हैं और इसके लिए विभागीय लोक सूचना अधिकारी आवेदनकर्ता को घुमाते रहते हैं। यह कंप्लेन अमूमन आती रहती है। हाल ही में कृषि विभाग में खाद का बड़ा घपला आरटीआई में पकड़ा गया है। इसके साथ ही नगर निगम में भी जमीन और टैक्स से संबंधित हजारों फाइल गुम होने का खुलासा भी आरटीआई में हुआ है। खाद्य आपूर्ति, स्वास्थ्य, वन, आदि विभागों में भी कई अनियमितताओं के कई मामले सामने आए हैं।

बाहरी राज्यों से 5 परसेंट आवेदन
राजय में सूचना मांगने वाले केवल राज्य के ही नहीं, बल्कि बाहरी राज्यों के लोग भी शामिल हैं। कुल सूचनाओं में से 5 परसेंट लोग ऐसे है, जो उत्तराखंड राज्य के बाहर से थे। सबसे ज्यादा सूचनाएं राजस्व विभाग से संबंधित हैं। इसके अलावा गृह, शहरी विकास, शिक्षा, वन व वित्त विभाग आदि शामिल है।

71729
आवेदन मिले वर्ष 2022-23 में
63639
आवेदन किए गए निस्तारित
35257
आवेदन वर्ष 2021-22 में मिले
28627
किए गए निस्तारित
51501
आवेदन किए गए वर्ष 2020-21 में
44161
मामले किए गए निस्तारित

जिलेवार मिली आरटीआई पर एक नजर
जिला परसेंटेज
देहरादून 37
हरिद्वार 23
टिहरी 02
उत्तरकाशी 02
चमोली 01
पौड़ी 06
रुद्रप्रयाग 01
अल्मोड़ा 02
यूएसनगर 11
नैनीताल 08
पिथौरागढ़ 02
अल्मोड़ा 02
बागेश्वर 02
चंपावत 01

आरटीआई लोगों के लिए मद्दगार साबित हो रही है। प्रदेश में लगातार सूचना के लिए आवेदनकर्ताओं की संख्या बढ़ती जा रही है। करीब 90 परसेंट आरटीआई निस्तारित की जा रही हैं। आरटीआई को आम आदमी तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
योगेश भट्ट, राज्य सूचना आयुक्त, उत्तराखंड
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Posted By: Inextlive