विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने एनसीईआरटी जनरल काउंसिल की 58वीं बैठक में कई सुझाव रखे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में डॉ रावत ने विद्यालयों में गुणवत्तापरक शिक्षा के लिये टीचर्स ट्रेनिंग पर फोकस करने का सुझाव दिया। साथ ही राज्यों में डायट और एससीईआरटी के प्रबंधन को और बेहतर एवं साधन सम्पन्न बनाने के दृष्टिगत शत-प्रतिशत कार्मिकों की तैनाती करने एवं उनका अलग कैडर बनाने भी सुझाव रखा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का देशभर में तेजी से क्रियान्वयन होना आवश्यक है।

-शिक्षा मंत्री ने कहा, राज्यों में डायट व एससीईआरटी का बने अलग कैडर
- केंद्रीय शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक, कई मुद्दों पर चर्चा

देहरादून, 5 जुलाई (ब्यूरो) केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की अध्यक्षता में ट्यूजडे को नई दिल्ली में एनसीईआरटी जनरल काउंसिल की 58वीं बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कक्षा 1-2 के लिए एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकों का विमोचन किया। इसके साथ ही बैठक में एनसीईआरटी के कई प्रस्तावों को पास किया। उन्होंने कहा कि कक्षा 1-2 की नवीन पाठ्य पुस्तकों को एनईपी-2020 और एनसीएफ-एफएस 2022 के आधार पर तैयार की गई है। जिससे नई पीढ़ी को कुछ नया पढऩे व सीखने को मिलेगा।

सैपरेट कैडर बनाया जाना चाहिए
बैठक में प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ। धन सिंह रावत ने कई अहम सुझाव रखे। कहा, गुणवत्तापरक शिक्षा के लिये एनसीईआरटी को टीचर्स ट्रेनिंग पर विशेष फोकस करना चाहिये। जिससे राज्य भी एससीईआरटी के माध्यम से अपने प्रदेश के शिक्षकों को रोटेशन के आधार पर स्पेशल ट्रेनिंग देकर एनईपी-2020 के अनुरूप दक्ष बना सके। कहा, राज्यों में डायट व एससीईआरटी निदेशालय को साधन सम्पन्न बनाने के साथ ही शत-प्रतिशत कार्मिकों की तैनाती कर अलग कैडर बनाया जाना चाहिये। शिक्षा मंत्री ने प्रदेश में पीएम-श्री स्कूल के तहत चयनित सभी स्कूलों को स्वीकृति प्रदान करने की मांग केन्द्रीय शिक्षा मंत्री के समक्ष रखी। शिक्षा मंत्री ने उत्तराखंड में कला महोत्सव का आयोजन करने की भी मांग बैठक में रखी।
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Posted By: Inextlive