महफूज और सेफ माने जाने वाले दून शहर और उसके आस-पास के इलाकों की फिजाएं अब अनसेफ महसूस की जा रही हैं। पुलिस के प्रयास जारी हैं। इसके बावजूद क्राइम की वारदातों पर विराम नहीं लग पा रहा है। पुलिस में दर्ज अपराध की घटनाओं पर नजर डालें तो देहरादून में चोरी वाहन चोरी बलात्कार अपहरण और नकबजनी के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इनमें चोरी सबसे आगे है। साफ है कि चोरी के लिहाज से दूनाइट्स को बेहद सेफ अलर्ट और अवेयर रहने की जरूरत है। जिससे ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को पुलिस की मदद से दबोच कर सलाखों की पीछे धकेला जा सके।

देहरादून(ब्यूरो) तमाम क्राइम की घटनाओं में डकैती के लिहाज से फिलहाल दून शहर सेफ बताया जा रहा है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक इस वर्ष जनवरी से लेकर सितंबर तक दून में केवल एक डकैती की घटना ही पुलिस में दर्ज है। वहीं, बात लूट की घटनाओं की करें तो इन 9 महीनों में 34 घटनाएं सामने आईं। पुलिस ने तत्परता से 32 का पर्दाफाश किया और 55 आरोपी भी दबोचे। इन महीनों में सबसे ज्यादा चोरी की घटनाएं सामने आईं। 197 घटनाओं का पटाक्षेप हुआ और 332 आरोपी भी गिरफ्तार हुए। लेकिन, अभी भी 48 चोरी की घटनाओं को न्याय का इंतजार है। मतलब साफ है कि चोरी की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं।


हत्या की घटनाएं भी चिंता में डाल रहीं
इस साल के क्राइम रिकॉर्ड के मुताबिक हमेशा शांत कहे जाने वाले शहर दून में हत्या की घटनाओं में इजाफा देखने को मिला है। आंकड़े तस्दीक करते हैं कि केवल 9 महीनों में हत्या की 26 वारदातें सामने आईं। इसके एवज में दून पुलिस ने 25 घटनाओं का खुलाया किया और 25 आरोपियों को भी दबोच कर सलाखों की पीछे धकेला। पुलिस के रिकॉर्ड में जनवरी से लेकर सितंबर 2023 तक चोरी, डकैती, हत्या, लूट, हत्या व अपरण जैसे मामलों में 270 दिनों में दून में 912 केस दर्ज हुए हैं। इसके एवज में 946 आरोपियों को दबोचा गया। साफ है कि 9 महीनों में जहां हर दिन इन घटनाओं को लेकर 3 केस दर्ज हुए, उसके बदले पुलिस ने भी कोई कोर कसर नहीं छोडी और रोजाना करीब 4 आरोपियों को अरेस्ट किया।

दून में टॉप 5 क्राइम
1-चोरी--245 केस दर्ज
-खुलासा--197
-आरोपी अरेस्ट--332

2-वाहन चोरी--195
-खुलासा--156
-आरोपी अरेस्ट--230

3-बलात्कार--152
-खुलासा--152
- आरोपी अरेस्ट--114

4-अपहरण--134
-खुलासा--119
-आरोपी अरेस्ट--14

5-नकबजनी--113
-खुलासा--98
-गिरफ्तार आरोपी--158

पहले करते हैं रेकी, फिर वारदात
जानकारों के मुताबिक ऐसी वारदातों को अंजाम देने वाले क्रिमिनल्स उन घरों, इलाकों व क्षेत्रों में निशाना बना रहे हैं। जहां पर पुलिस की रीच या तो कम है या फिर ऐसे इलाके नए हैं और डेवलेप हो रहे हैं। इसके अलावा आउटर इलाके, पॉश क्षेत्र और सुनसान वे क्षेत्र, जहां सीनियर सिटीजंस रह रहे हों।

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Posted By: Inextlive