राज्यभर में बिना किसी गाइडलाइंस के चल रहे स्पा सेंटर्स में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के छापे में केवल उसी स्थिति में गिरफ्तारी हो पाती है जबकि सेंटर्स में देह व्यापार संबंधी गतिविधियां पकड़ी जाएं या फिर कुछ अन्य पुख्ता सुराग मिलें। अन्य स्थितियों में लेबर लॉ आदि छिटपुट मामलों में चालान कर दिया जाता है और स्पा सेंटर्स में अनैतिक धंधा जारी रहता है। राज्य महिला आयोग ने अब इस मामले पर गंभीरता दिखाई है और सीएम से मिलकर स्पा सेंटर्स के लिए बनाई गई गाइडलाइंस उन्हें सौंपी है।

देहरादून ब्यूरो। बीती रात पुलिस ने सिटी के सभी थानों की पुलिस ने अपने-अपने क्षेत्र में चल रहे स्पा सेंटर्स का निरीक्षण किया। कुल 59 सेंटर्स का इंस्पेक्शन किया गया, लेकिन इनमें ह्यूमन ट्रैफिंग जैसे कोई प्रमाण नहीं मिले। हालांकि 47 सेंटर्स में अनियमिताएं पाये जाने पर उनके चालान किये गये और 4.36 लाख रुपये जुर्माना वसूला किया। ये सभी चालान पुलिस एक्ट में किये गये।

ये अनियमितताएं मिली
- कर्मचारियों का सत्यापन नहीं करवाना।
- मसाज करने वाले युवक-युवतियों के पास थैरेपी संबंधी कोई सर्टिफिकेट न होना।
- निर्धारित स्थानों पर सीसीटीवी न लगे होना।
- कस्टमर्स का रिकॉर्ड मेंटेन न होना।

पुलिस का दावा रखी जाएगी नजर
पुलिस ने दावा किया है कि स्पा सेंटर्स की नियमित रूप से निगरानी करने के लिए सभी थानों पर अलग से एक टीम गठित की गई है। ये टीमें नियमित रूप से स्पा सेंटर्स का निरीक्षण कर वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को चेक करेंगी और इस बात को सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी सेंटर्स नियमों का पालन कर रहे हैं।

महिला आयोग गंभीर
स्पा सेंटर्स को लेकर राज्य महिला आयोग ने कुछ कदम उठाये हैं। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल के अनुसार अब तक राज्यभर में स्पा सेंटर्स के लिए कोई गाइडलाइंस नहीं है। आयोग ने पुलिस, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, एनजीओ और विभिन्न विभागों से मिलकर स्पा सेंटर्स के लिए गाइडलाइंस तैयार की हैं। उन्होंने कहा कि बीते 3 अगस्त को उन्होंने सीएम से मिलकर ये गाइडलाइसं उन्हें सौंपी हैं और सीएम ने जल्द से जल्द इन्हें लागू करने का आश्वासन दिया है।

क्या है गाइडलाइंस में
गाइडलाइंस में मुख्य रूप से इस बात का ध्यान रखा गया है कि राज्य के स्पा सेंटर्स की आड़ में अनैतिक व्यापार न हो। दून से राज्य के विभिन्न हिस्सों में अब तक स्पा सेंटर्स के नाम पर देह व्यापार किये जाने के मामले सामने आते रहे हैं। महिला आयोग की गाइडलाइंस में व्यवस्था दी गई है कि इस सेंटर्स पर पुरुषों की थैरेपी के लिए पुरुष और महिलाओं के थैरेपी के लिए महिला को नियुक्त किया जाए और इनके पास थैरेपी का सर्टिफिकेट हो। 18 वर्ष से नीचे का कर्मचारी हो। थैरेपी के वक्त रूम की कुंडी बंद न की जाए। रिसेप्शन और मुख्य गेट पर हर हाल में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और रजिस्टर मेंटेन किया जाए।

Posted By: Inextlive