-कैग ने अपनी रिपोर्ट में सामने रखी पूर्व सरकारों की सच्चाई

>DEHRADUN: राज्य में तमाम सरकारी विभागों और सरकार द्वारा की गई अनियमितताओं घपलों और लापरवाही की पोल खोलने वाले कंपट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल यानि कैग ने एक और खुलासा किया है। हाल ही में जारी रिपोर्ट में कैग ने खुलासा किया है कि किस तरह राज्य कर्ज के पैसे पर चल रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तराखंड कर्ज पर इस तरह निर्भर हो चुका है कि वो पुराना कर्ज भी दोबारा कर्ज लेकर चुकाता है और उसी कर्ज के पैसे से अपनी पूरी अर्थव्यवस्था भी चलता है यानि पूंजीगत व्यय भी करता है। कैग के मुताबिक ये पिछले पांच सालों के हालात ये बयां करते हैं कि राज्य की ये नियति बन चुकी है कि बाजार से कर्ज लेकर घाटा पूरा करो और अर्थव्यवस्था भी चलाओ। कैग ने इसे नियमों के खिलाफ बताया है। कैग के मुताबिक ये राजकोषीय जिम्मेदारी और वित्त प्रबंधन एक्ट का उल्लंघन है। इस एक्ट के अनुसार बाजार से उठाए गए कर्ज से पुराने कर्ज की भरपाई और पूंजीगत व्यय दोनों नहीं किए जा सकते।

क्या है कर्ज और देनदारी हालत

कैग रिपोर्ट के मुताबिक सात साल में राज्य सरकारों ने क्म्,ख्90.क्7 करोड़ का कर्ज चुकाया और अभी भी राज्य पर ख्9,8फ्म्.ख्क् करोड़ का कर्ज बाकी है। ब्, ब्म्9.7ख् करोड़ का कर्ज राज्य सरकार को अगले पांच से साल के भीतर चुकाना है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष ख्0क्क्-क्ख् से ख्0क्भ्-क्म् के बीच राज्य ने जो कर्ज लिया उससे ख्8.98 फीसदी पैसा पुराने कर्ज चुकाने में लगाया और बाकी 7क्.0ख् फीसदी रकम पूंजीगत व्यय में लगा दी।

कर्ज लेकर कर्ज चुकाया

कैग रिपोर्ट में साफ किया गया है कि उत्तराखंड ने वित्त वर्ष ख्0क्क्-क्ख् से ख्0क्भ्-क्म् के बीच मार्केट से क्क्, 9भ्0 करोड़ का कर्ज लिया और इसी पैसे से फ्,ब्फ्फ्.भ्फ् करोड़ का पुराना कर्ज चुकाया। बात सिर्फ वित्त वर्ष ख्0क्क्-क्ख् की की जाए तो तब राज्य सरकार ने क्ब्00 करोड़ का कर्ज लिया और इससे ख्ब्0 करोड़ का कर्ज चुकाया और बाकी पैसा दूसरे मदों में खर्च कर दिया। वर्ष ख्0क्ख्-क्फ् में क्7भ्0 करोड़ रुपये जुटाए गए और इसमें से 9ब्9.87 करोड़ यानि भ्ब् फीसदी से ज्यादा पैसा कर्ज का अदा किया गया। वर्ष ख्0क्फ्-क्ब् में भी राज्य ने ख्भ्00 करोड़ का कर्ज उठाया और इसमें से 7म्फ्.89 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया। वर्ष ख्0क्ब्-क्भ् में ख्ब्00 करोड़ का कर्ज लिया गया और फ्08 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया गया। इसी तरह वित्त वर्ष ख्0क्भ्-क्म् में राज्य सरकार ने फ्900 करोड़ का कर्ज लिया और क्क्70.क्9 करोड़ का पुराना कर्ज चुकाया।

वित्त प्रबंधन एक्ट के तहत वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित किया जाना होता है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में ऋृण संशोधन निधि के तहत क्फ्00 करोड़ की व्यवस्था की गई थी। लेकिन पिछले पांच सालों में वित्तीय प्रबंधन पर असर पड़ा है। पूर्ववर्ती सरकार लोन लेती रही। अब स्थिति खराब है, संभालने की कोशिश होगी।

-प्रकाश पंत, वित्त मंत्री।

Posted By: Inextlive