रिस्पना व बिंदाल नदियों के किनारे बनेंगी शॉप्स
-बस्तियां हटेंगी नहीं, बल्कि रिवर फ्रंट नाम से डेवलेप होंगी
-सीएम ने कहा गरीबों को दुकानें बनाकर की जाएंगी आवंटित dehradun@inext.co.in DEHRADUN : बिंदाल नदी के किनारे रहने वाले वाले लोग अब शायद नहीं हटेंगे। बल्कि इन दोनों नदियों के किनारे रिवर फ्रंट के तौर पर विकसित किए जाएंगे और नदियों के किनारे रहने वाले गरीब लोगों को तैयार कर दुकानें आवंटित की जाएंगी। यही वजह है कि सरकार ने अब स्पष्ट कर दिया है कि मलिन बस्तियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से काम करेंगे। होती रही है पहले राजनीतिराजधानी के रिस्पना व बिंदाल नदियों के किनारे रहने वाली बस्तियों पर राज्य गठन से लेकर अब तक यानी क्ब् सालों से राजनीति होती आई है। सबसे ज्यादा पॉलिटिकलबाजी बरसात के समय होती है। जब इन पर भारी बारिश से जलभराव के अलावा बहने का खतरा मंडराने लगता है। उस वक्त सभी राजनीतिक पार्टियों एक-दूसरे पर बसाने का आरोप लगाने के साथ ही इन नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को दूसरे इलाकों में बसाने की राजनीति करने लगते हैं, लेकिन अब तो खुद सीएम हरीश रावत ने इस पर सरकार की मंशा साफ कर दी है।
अवैध अतिक्रमण स्वीकार नहीं होंगेसैटरडे को सीएम ने राष्ट्रीय एकता सप्ताह के अंतर्गत निर्बल वर्ग दिवस पर आयोजित प्रोग्राम में साफ कहा कि इन दोनों नदियों के किनारे रिवर फ्रंट के तौर पर विकसित करके दुकानें बनाई जाएंगी और गरीब लोगों को ये दुकानें आवंटित की जाएंगी। सीएम ने कहा है कि मलिन बस्तियां विकसित होंगी, लेकिन नए अवैध अतिक्रमण स्वीकार नहीं होंगे।
सीएम हरीश रावत की घोषणाएं -एमडीडीए अल्प आय वर्ग के लिए मल्टीस्टोरी आवास बनाएं। -सरकार वंचित वर्गो के साथ है। -पेशन राशि ब्00 से 800 रुपए कर दी है। -आय सीमा एक हजार से चार हजार रुपए किया गया है। -पति के मानसिक रूप से विक्षिप्त होने पर भी पेंशन की व्यवस्था की गई है। -रेहड़ी, पटरी वालों के हक में कानून बनाया जा रहा है। -स्वच्छता कर्मियों की राशि में एक हजार रुपए की बढ़ोत्तरी होगी। -दून के पुराने बस अड्डे में वेंडर्स को स्थान दिया जाएगा। ---------------- घरों के ऊपर से हटेंगी लाइनें शहरी विकास का ढांचा डेवलेप होगा। घरों के ऊपर से जाने वाली हाईटेंशन लाइनें हटाने की स्वीकृति दी गई है। इसका खर्च फ्0 प्रतिशत संबंधित विधायक की निधि से और फ्0 प्रतिशत राज्य सरकार व ब्0 प्रतिशत पावर कॉर्पोरेशन की तरफ से वहन किया जाएगा।