DEHRADUN: ड्राइविंग लाइसेंस वैधता खत्म होने के बावजूद बसों का संचालन कर रहे रोडवेज के चालकों पर मुख्यालय ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने सभी डिपो प्रबंधकों से चालकों के लाइसेंस का ब्यौरा तलब किया है। जिनकी लाइसेंस की वैधता खत्म हो चुकी है, उनकी ड्यूटी नहीं लगाने के आदेश दिए गए हैं। ऐसे चालकों को लाइसेंस का नवीनीकरण कराने के बाद ही ड्यूटी आवंटित की जाएगी।

30 सितंबर तक की छूट

कोरोना काल में केंद्र सरकार की ओर से वाहन से जुड़े या चालक के लाइसेंस आदि से संबंधित उन सभी दस्तावेजों की वैधता में 30 सितंबर तक की छूट दी हुई है। शर्त यह है कि दस्तावेजों की वैधता एक फरवरी 2020 के बाद खत्म हुई हो। इस बीच यह पता चला है कि रोडवेज के कई चालक व परिचालक ऐसे हैं, जिनके ड्राइविंग लाइसेंस या परिचालक लाइसेंस की वैधता फरवरी से पहले खत्म है। इतना ही नहीं फरवरी के बाद लाइसेंस की वैधता खत्म होने वालों की संख्या भी अब खासी अधिक हो चुकी है। ऐसे में रोडवेज मुख्यालय ने इन सभी को ड्यूटी से पृथक रखने के आदेश दिए हैं, चाह वह नियमित चालक-परिचालक हों या फिर विशेष श्रेणी या संविदा के।

परिचालकों के लाइसेंस भी होंगे चेक

चालकों की तरह मुख्यालय ने परिचालकों के लाइसेंस भी जांचने के आदेश जारी किए हैं। दरअसल, परिचालकों को भी परिवहन विभाग से लाइसेंस लेना होता है। गत दिनों मुख्यालय को शिकायत मिली है कि समस्त डिपो में ऐसे कर्ई परिचालक हैं, जो लाइसेंस की वैधता खत्म होने के बावजूद ड्यूटी कर रहे हैं। ऐसे परिचालकों को भी ड्यूटी पर न भेजने के आदेश दिए गए हैं।

Posted By: Inextlive