रोडवेज को दून से मसूरी के लिए भी नहीं मिल रही सवारी
- पर्यटन गतिविधियां बंद होने के कारण रोडवेज को घाटा
- कई बसें पैसेंजर की कमी से करनी पड़ रही कैंसिल देहरादून। पब्लिक की सहूलियत के लिए अनलॉक के दौरान रोडवेज सेवा शुरू की गई। लेकिन रोडवेज बसेज को पैसेंजर्स ही नहीं मिल रहे हैं। हाल यह है कि कई बसेज को सवारी न मिलने पर कैंसिल करना पड़ रहा है। दून से मसूरी तक के लिए भी रोडवेज पैसेंजर्स का इंतजार कर रही है, लेकिन पैसेंजर्स काफी कम हैं। पर्यटन गतिविधियां बंद होने के कारण लोग मसूरी का रुख नहीं कर रहे। ऐसे में रोडेवज का संचालन घाटे का सौदा साबित हो रहा है। पर्यटन गतिविधि बंद होने से घाटादून से मसूरी के लिए इन दिनों पर्यटन सीजन होने के कारण बसों की संख्या कम पड़ जाती थी। दून ही नहीं बाहर के टूरिस्ट्स को भी कई बार वाहन न मिलने के कारण मसूरी का दीदार किए बिना ही लौटना पड़ता था। लेकिन, कोरोना अलर्ट और पर्यटन गतिविधियां बंद होने के कारण दून से मसूरी के लिए भी रोडवेज को पैसेंजर नहीं मिल रहे। मसूरी बस अड्डे से हिल रूट्स के लिए भी बसें संचालित की जाती हैं। हिल रूट्स पर भी सवारियों की कमी देखी जा रही है।
इतने पैसेंजर रवाना हुए मसूरी1 जुलाई - 127
2 जुलाई - 142 3 जुलाई - 126 4 जुलाई - 126 5 जुलाई - 84 इन रूट्स पर करनी पड़ी बस कैंसिल 25 जून - नई टिहरी 26 जून - बीरोखाल, पुरोला 29 जून- बड़कोट, श्रीनगर 2 जुलाई - बीरोंखाल 4 जुलाई - उत्तरकाशी, ऊखीमठ, श्रीनगर 5 जुलाई - श्रीनगर 63 में से 18 बसों का संचालन मसूरी बस अड्डे से रोजाना पर्वतीय मार्ग के लिए 28 और मसूरी के लिए 35 बसों का संचालन होता था। रोजाना 63 बसों को रूट्स पर भेजा जाता था। लेकिन इन दिनों सवारियों की कमी के चलते केवल 18 बसें ही संचालित की जा रही हैं। ये भी 50 परसेंट सवारियां ले जा रही हैं। कर्मचारियों को 3 माह से सैलरी नहीं रोडवेज कर्मचारियों का 3 माह से वेतन न मिलने से इनका मनोबल गिर रहा है। इसके लिए वे कई बार अधिकारियों के चक्कर काट चुके है।पैसेजर की सुविधा के लिए सरकार की ओर से बसों का संचालन शुरू किया गया था। लेकिन पैंसेजर न पहुंचने के बाद भी हम कई जगह तो एक ही पैसेजर में बस को रवाना कर रहे है। ताकि किसी को भी परेशानी न हो :
- दीपक जैन, जीएम तकनीकी एंव संचालन, उत्तराखंड रोडवेज