-प्रदेश में रोडवेज बसों का संचालन ठप पड़ने की पूरी संभावना

-कर्मचारियों का वेतन आधा करना बना निगम की फांस

देहरादून: घाटे के नाम पर वेतन आधा करने व कर्मचारियों के बचत सहकारी ऋण खाते पर लगाई रोक के मामले में आक्रोशित रोडवेज कर्मचारियों के साथ प्रबंधन की वार्ता विफल हो गई। जिस पर कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आज यानी बुधवार रात 12 बजे से प्रदेशव्यापी हड़ताल का फैसला कर लिया है। परिषद ने प्रबंधन से कहा कि जब अंतरराज्यीय बस संचालन सुचारू कर दिया गया है तो वेतन कटौती का फैसला तत्काल वापस लिया जाए, लेकिन प्रबंधन ने इन्कार कर दिया।

मांगों पर अड़े कर्मचारी

इसी मामले पर गुरुवार की रात्रि 12 बजे से उत्तराखंड परिवहन निगम संयुक्त मोर्चा भी हड़ताल पर जा रहा। इससे प्रदेश में रोडवेज बसों का संचालन ठप पड़ना तय माना जा रहा। वेतन की समस्या को दूर करने के लिए रोडवेज प्रबंधन ने कार्मिकों का वेतन आधा करने का फैसला तो कर लिया, लेकिन यह उसके लिए गले की फांस बन गया है। यह निर्णय कर्मचारी पहले ही विवादित बता रहे थे कि प्रबंधन ने उनके सहकारी बचत ऋण समिति के खाते पर भी रोक लगा दी। इससे उनका पारा सातवें आसमान पर पहुंचा हुआ है।

पहले ही कर दिया था ऐलान

कर्मचारी यूनियन के साथ संयुक्त मोर्चा ने 15 जुलाई की रात्रि से हड़ताल करने का ऐलान छह जुलाई को कर दिया था, जबकि अगले दिन रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के भी 14 जुलाई की मध्य रात्रि 12 बजे से प्रदेशव्यापी बेमियादी हड़ताल के एलान पर प्रबंधन हर ओर से घिरा हुआ नजर आ रहा है। संयुक्त मोर्चा में चार प्रमुख संगठन हैं तो संयुक्त परिषद भी सबसे पुराना संगठन है।

तत्काल बंद हो सैलरी में कटौती

सभी बड़े कर्मचारी संगठनों के हड़ताल पर जाने के एलान से रोडवेज प्रबंधन सुलह के रास्ते तलाश रहा। इसी क्रम में मंगलवार को प्रबंधन द्वारा कर्मचारी संयुक्त परिषद को वार्ता के लिए बुलाया गया। प्रबंध निदेशक अभिषेक रुहेला की अध्यक्षता में हुई वार्ता में परिषद के प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत और अन्य पदाधिकारियों ने वेतन कटौती तत्काल वापस लेने समेत सहकारी बचत ऋण खाते से रोक हटाने की मांग की। साथ ही घाटे को दूर करने के लिए 155 करोड़ रुपये का प्रस्ताव कैबिनेट में ले जाने की मांग भी रखी। प्रबंधन ने वेतन कटौती और सहकारी बचत ऋण खाते पर रोक हटाने से मना कर दिया। जिससे सुलह वार्ता विफल हो गई व कर्मचारी वार्ता छोड़कर बाहर आ गए। साथ ही ऐलान किया कि परिषद बुधवार रात 12 बजे से हड़ताल पर चली जाएगी।

ये रहे मौजूद

वार्ता के दौरान प्रबंधन से महाप्रबंधक दीपक जैन व परिषद की ओर से विपिन बिजल्वाण, प्रेम सिंह रावत, अनुराग नौटियाल व संत कुमार त्यागी मौजूद रहे।

परिवहन मंत्री ने दिया सीएम

कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने परिवहन मंत्री यशपाल आर्य से मंगलवार शाम मुलाकात कर बोर्ड बैठक के निर्णय के संबंध में जानकारी दी। उन्हें बताया कि यह कर्मचारी विरोध फैसले हैं और अधिकारियों के उक्त फैसलों से सरकार की छवि धूमिल हो रही। परिवहन मंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को वार्ता का भरोसा दिया। हालांकि, कर्मचारियों ने कहा है कि सरकार यदि बुधवार शाम तक ठोस फैसला नहीं लेती तो परिषद मध्य रात्रि से हड़ताल के फैसले पर कायम रहेगी।

वेतन नहीं दिया तो ईपीएफ कैसे देते

कर्मचारियों की ईपीएफ की राशि जमा न करने पर रोडवेज का ईपीएफ खाता अटैच किए जाने को रोडवेज मुख्यालय तर्क संगत नहीं बता रहा है। अधिकारियों के मुताबिक पीएफ की धनराशि वेतन में कटौती के बाद जमा की जाती है। कोरोना काल में रोडवेज में वेतन चार से पांच माह की देरी से दिया जा रहा। प्रबंधन पर अभी भी मार्च से जून तक चार माह का वेतन लंबित है। प्रबंधन के मुताबिक फरवरी तक का ईपीएफ जमा कराया जा रहा है।

Posted By: Inextlive