- अगले तीन वर्षों में सिटी में रोपवे के तीन कॉरिडोर तैयार करने की योजना

- हर रोज 5 लाख से ज्यादा पैसेंजर्स कर सकेंगे रोपवे का इस्तेमाल

देहरादून

सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो अगले तीन वर्षों में देहरादून व‌र्ल्ड की ऐसी तीसरी सिटी बन जाएगा, जहां मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में रोपवे का इस्तेमाल किया जाएगा। उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन तेजी से दून सिटी में रोपवे सिस्टम शुरू करने की दिशा में काम कर रहा है। देहरादून रोपवे प्रोजेक्ट के तहत फिलहाल इस योजना की डीपीआर तैयार की जा रही है। कॉर्पोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि अगले कुछ हफ्ते में डीपीआर तैयार हो जाएगी। इसके बाद कुछ औपचारिकताएं पूरी करके रोपवे का कंस्ट्रक्शन शुरू कर दिया जाएगा।

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शुरुआत तीन कॉरिडोर से

उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने शुरू में सिटी में दो रोपवे कॉरिडोर बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इसमें एक अन्य कोरिडोर जोड़ दिया गया है। अब तीन कॉरिडोर एक साथ तैयार करके रोपवे को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में शुरू किया जाएगा।

फ‌र्स्ट कॉरिडोर

इसे रेड लाइन रोपवे के रूप में जाना जाएगा। यह कॉरिडोर 8 किमी लंबा होगा, जो आईएसबीटी से दिलाराम बाजार तक जाएगा। इस कॉरिडोर पर 8 स्टॉपेज होंगे।

सेकंड कॉरिडोर

इसे ब्लू लाइन रोपवे कॉरिडोर बल्लूपुर चौक से शुरू होकर घंटाघर होते हुए रिस्पना पुल तक होगा। इस कॉरिडोर की लंबाई भी 8 किमी होगी और इस पर 9 स्टॉपेज बनाये जाएंगे।

थर्ड कॉरिडोर

तीसरे कोरिडोर का प्रस्ताव हाल ही में इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। इसे यलो लाइन रोपवे के रूप में जाना जाएगा। यह कॉरिडोर प्रेमनगर से शुरू होकर कांवली रोड होते हुए रेलवे स्टेशन तक जाएगा। इसकी लंबाई 5 किमी होगी और इसमें 6 स्टॉपेज होंगे।

तीन वर्ष में होगा तैयार

उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अधिकारियों को उम्मीद है कि रोपवे का निर्माण कार्य 2021 में शुरू हो जाएगा और 2023 तक सिटी के प्रस्तावित तीनों कॉरिडोर बनकर तैयार हो जाएंगे। आने वाले कुछ हफ्तों में डीपीआर तैयार करने के बाद संबंधित विभागों से इसे पास करवाया जाएगा। इसके तुरंत बाद कंस्ट्रक्शन शुरू कर दिया जाएगा। वर्ष 2023 के अंत तक हर हाल में रोपवे का काम पूरा करने की टारगेट रखा गया है। दावा किया गया है कि दून में हर रोज करीब 5 लाख लोग रोपवे का इस्तेमाल करेंगे।

मेट्रो व केबल कार प्रोजेक्ट फेल

देहरादून में सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक के प्रेशर को कम करने के लिए पिछले कई वर्षों से विकल्प तलाशे जा रहे हैं। इससे पहले केबल कार और मेट्रो रेल की योजना बनाई गई थी, लेकिन इस तरह के प्रोजेक्ट में के लिए ज्यादा लैंड और बड़े बजट की जरूरत को देखते हुए आखिरकार कोलंबिया के मैडलिन सिटी की तर्ज पर दून में रोपवे प्रोजेक्ट शुरू करने पर सहमति बनी। अधिकारियों का कहना है यह प्रोजेक्ट अब फाइनल कर दिया गया है और कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा।

पीपीपी मोड में 1900 करोड़ से निर्माण

देहरादून रोपवे प्रोजेक्ट का कंस्ट्रक्शन और ऑपरेशन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में किया जाएगा। इन तीनों रूट को तैयार करने में 1900 करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान लगाया गया है। कंस्ट्रक्शन कंपनियों को निर्धारित समय के लिए ये कॉरिडोर ऑपरेट करने के लिए दिये जाएंगे। पैसेंजर्स के किराये से वे अपनी लागत वसूल सकेंगी। दावा किया जा रहा है कि रोपवे की यात्रा सिटी बस, विक्रम और ऑटो जैसे अन्य साधनों की तुलना में ज्यादा आरामदायक होगी। इससे लोगों का टाइम भी बचेगा और सड़कों पर लगने वाले जाम की समस्या भी रोपवे के कारण कम हो जाएगी।

दून में 21 किमी लंबे तीन रोपवे कॉरिडोर के कंस्ट्रक्शन के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। अगले वर्ष तक काम शुरू हो जाएगा और 2023 तक तीनों कॉरिडोर बनकर तैयार हो जाएंगे। रोपवे मेट्रो से ज्यादा आरामदेह और किफायती है।

जितेन्द्र त्यागी, मैने¨जग डायरेक्टर

उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन

Posted By: Inextlive