- शहीद सैनिकों के आश्रितों के अनुदान में 10 से 15 लाख की बढ़ोत्तरी

-मुख्यमंत्री ने पुरकुल में किया सैन्यधाम का शिलान्यास

देहरादून,

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को पुरकुल गांव में भारतीय सेना के जज्बे, शौर्य और बलिदान के प्रतीक राज्य स्तरीय सैन्य धाम का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि युद्धों व सीमान्त झड़पों के अलावा आंतरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों व अ‌र्द्ध सैनिक बलों की विधवाओं और आश्रितों को एकमुश्त 10 लाख रुपए के अनुदान को बढ़ाकर 15 लाख रुपए किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने उपनल के मुख्यालय का शिलान्यास भी किया।

शपथ ग्रहण सैन्यधाम में हो

सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखंड के पंचम धाम के रूप में आज सैन्यधाम का शिलान्यास किया गया है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने जब सैन्यधाम को पंचम धाम की संज्ञा दी। उसके बाद इस दिशा में तेजी से प्रयास किये गये। कहा, हमारा प्रयास है कि यह सैन्यधाम जीवंत और जागृत हो। यहां कोई भी आये तो उसको इसकी वास्तविकता की पूर्ण अनुभूति हो। जो लोग यहां आएंगे इस सैन्यधाम की मिट्टी पर पैर रखें तो, उन्हें इससे प्रेरणा मिलनी चाहिए। सीएम ने कहा कि मैं चाहता हूं कि भविष्य में उत्तराखंड में सरकार का शपथ ग्रहण इस शहीद स्थल (सैन्यधाम) में हो। प्रदेश की राजधानी में अन्य देशों एवं अन्य राज्यों से कोई दून आते हैं तो सैन्यधाम में जरूर आएं। इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ। हरक सिंह रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ। धन सिंह रावत, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक हरबंस कपूर, सुरेन्द्र सिंह नेगी, गणेश जोशी, पूर्व मंत्री ले। जन.(रिटा.) टीपीएस रावत, सीएम के सैन्य सलाहकार ले। जन.(रिटा.) जेएस नेगी आदि मौजूद रहे।

सैन्यधाम बनेगा पांचवा धाम

-राज्य के शहीदों के गांवों की मिट्टी व शिला इस सैन्यधाम में आनी चाहिए।

-राज्य की प्रमुख नदियों व प्रमुख धार्मिक स्थलों की मिट्टी सैन्यधाम में आये।

-गढ़वाल राइफल, कुमाऊं व गोरखा रेजीमेट रेजीमेंट में दुश्मनों के दांत खट्टे करने की ताकत व पहचान।

-हमारे सैनिकों की प्रेरणा देशवासियों को प्रेरित करती रहे, यह परिकल्पना सैन्यधाम के पीछे

-जो लोग सेना में जाना चाहते हैं, उनके लिए सैन्य धाम में होगी ट्रेनिंग की व्यवस्था।

-धाम में एडवेंचर व उससे संबंधित गतिविधियां करा पाएंगे।

-सैन्यधाम को बनाने के लिए सुझाव भी आमंत्रित किये जायेंगे

-विशेषज्ञ समिति इन सभी सुझावों को देखेगी, सही सुझा शामिल होंगे।

-अपर मुख्य सचिव सैनिक कल्याण को सभी लोग अपने सुझाव भेज पाएंगे।

म्यूजियम में रख सकते हैं शहीदों की निशानी

म ख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि और वीरभूमि है। जब भी देश को जरूरत पड़ी हमारे जवानों ने देश की सेवा के लिए अपना सब कुछ अर्पित कर दिया और पूरी बहादुरी का परिचय दिया। कहा, हमारे शहीद सैनिकों के घरों में यदि उनकी कोई निशानी हो तो उनके संरक्षण के लिए सैन्यधाम में एक संग्रहालय बनेगा। लोगों को प्रेरित करने वाली अनेक स्मृतियां यहां पर होनी चाहिए।

Posted By: Inextlive