- चीफ सेक्रेटरी ने घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने का किया विरोध

- हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 19 को

नैनीताल : हाईकोर्ट ने 500 करोड़ से अधिक के बहुचर्चित स्कॉलरशिप स्कैम में शुक्रवार को सुनवाई की। मामले में चीफ सेक्रेटरी की ओर से कोर्ट में पेश शपथपत्र में घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने का विरोध करते हुए एसआईटी जांच पर सहमति जताई गई। शपथपत्र के माध्यम से सरकार ने दोहराया कि जांच के लिए छह माह का समय दिया जाय। कोर्ट ने इस पर कोई अंतरिम आदेश नहीं देते हुए अगली सुनवाई सोमवार 19 अक्टूबर के लिए नियत कर दी है।

500 करोड़ से ज्यादा का स्कैम

कार्यवाहक चीफ जस्टिस रवि कुमार मलिमठ व जस्टिस रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ में सरकार की ओर से नियुक्त स्पेशल काउंसिल पुष्पा जोशी व ललित सामंत ने बताया कि एसआईटी ने छात्रवृत्ति घोटाले की 77 प्रतिशत जांच पूरी कर ली है। शेष जांच के लिए छह माह का समय दिया जाय। मामला सीबीआई को नहीं सौंपा जाए। देहरादून के राज्य आंदोलनकारी रवींद्र जुगरान, दून के सुभाष नौटियाल व एसके सिंह ने अलग-अलग जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश में अनुसूचित जाति व जनजाति छात्रवृत्ति घोटाला वर्ष 2005 से किया जा रहा है। पूरा खेल करीब 500 करोड़ रुपये से अधिक का है। इसलिए इसकी जांच सीबीआई से कराई जाए। आरोप लगाया कि स्कॉलरशिप का पैसा स्टूडेंट्स को न देकर स्कूलों को दिया गया। उन्हें भी पैसा दे दिया गया, जो स्टूडेंट्स थे ही नहीं। देहरादून के जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर में अधिकारियों-कर्मचारियों ने फर्जी इनकम सर्टिफिकेट बनाकर पैसा हड़प लिया।

Posted By: Inextlive